CTET Paper Level 2 Child Development and Pedagogy Question Answer in Hindi
CTET Paper Level 2 Child Development and Pedagogy Question Answer in Hindi:- इस पोस्ट में आपकों मिलेगें CTET (Central Teacher Eligibility Test) बाल विकास एवं अध्ययन – विद्दा (Child Development and Pedagogy) से जुड़े 50 महत्वपूर्ण Question Answer Model Papers जिनके Answer पोस्ट के Last में दियें गये हैं
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बाल विकास एवं अध्ययन विद्दा (Child Development and Pedagogy)
- विद्यालय में अध्ययन डकार्ड’ का विश्लेषण निम्नलिखित के अनुसार किया जाना चाहिए
(A) प्रविधि एवं तकनीकी के
(B) उद्देश्य एवं उनकी प्राप्ति के
(C) क्रियाएँ तथा प्रोजेक्ट के
(D) जिन प्रत्ययों का शिक्षण करना है उनके अनरूप
- शिक्षण में सम्पूर्ण उपागम की संस्तुति की जाती है क्योंकि
(A) इससे शिक्षक को दैनिक कार्य योजनाओं के निर्माण से मुक्ति मिल जाती है
(B) इसके द्वारा प्रकरण के महत्वपूर्ण अंगों पर अतिरिक्त बल प्रदान किया जाता है
(C) यह शिक्षण को सार्थक दिशा-निर्देश प्रदान करता है
(D) यह परीक्षण कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाता है
3.सहपाठी समूह शिक्षण (Peer group Teaching) में निम्नलिखित अवधारणा अन्तर्निहित है
(A) शिक्षा में व्यक्तिवाद को समाप्त किया जाए
(B) शिक्षा से प्रतिस्पर्धा को समाप्त किया जाए।
(C) समरूपी समूह शिक्षण ही प्रजातंत्र का मलधार है
(D) छात्र अपने मित्र समूह से सर्वाधिक प्रभावित होता है
- समूह अधिगम में छात्रों की आवश्यकताएं होती है
(A) समूह प्रशंसा प्राप्त करना
(B) कार्य को समान रूप से वितरित करना
(C) व्यक्तिगत मत की उपेक्षा करना
(D) पृथक् छात्रों को समूह की ओर आकर्षित करना
- आधुनिक विद्यालयों में कौशलों का अधिगम प्रदान किया जाता है
(A) जब उनकी आवश्यकता होती है।
(B) योजनाबद्ध तरीके से
(C) राजकीय पाठ्यपुस्तकों की योजनानुसार
(D) माता-पिता की इच्छानुसार
- व्याख्यान तकनीक के बारे में लोगों का विचार है कि
(A) आधुनिक शिक्षा में इसका न्यूनतम उपयोग है
(B) अधिगम वृद्धि का उत्तम साधन है
(C) इसका प्रेरणात्मक उपयोग नगण्य है
(D) यह एकाकी रूप में उत्तम तकनीक है
- व्याख्यान विधि निम्नलिखित परिस्थिति में सर्वाधिक लाभकारी सिद्ध होगी
(A) अनुशासनहीन कक्षा का ध्यान आकृष्ट करने में
(B) पाठ्यपुस्तक की सहायक विधि के रूप में तथा। रुचि के विकास में
(C) विषय-वस्तु को सम्पूर्ण रूप से प्रस्तुत करने में
(D) छात्रों को तथ्यपरक ज्ञान प्रदान करने में
- वाद-विवाद निम्नलिखित ज्ञान प्रदान करने में समाधान में न्यूनतम लाभप्रद है
(A) जिनका केवल एक सटीक उत्तर हो
(B) जिनके अनेक आयाम एवं पहलू हो
(C) जो सामाजिक मूल्यों से सम्बन्धित हो
(D) जिनमें परिपक्व एवं स्पष्ट निर्णय लेना हो
- एक प्रभावी शिक्षण में निम्नलिखित गुण नहीं पाया जाता
(A) वाद-विवाद प्रविधियाँ
(B) गृहकार्यों का बोझ
(C) समस्या समाधान को प्रोत्साहित करने वाले अवसर
(D) पाठों को रटना
- प्रश्नोत्तर विधि में यह विचारणीय है कि
(A) पाठ्यपुस्तक के शब्दों एवं वाक्यों को प्रयोग किया जाए
(B) बालकों को प्रश्न के उत्तर देने के लिए तैयार होने को कहा जाए
(C) छात्रों को प्रश्न के उत्तर स्वयं सोचकर देने को कहा जाए
(D) छात्रों के स्वैच्छिक उत्तरों पर आश्रित रहा जाए।
- आधुनिक शिक्षण में सर्वाधिक गिरावट आई है
(A) दृश्य-श्रव्य सामग्री के प्रयोग में
(B) व्यक्तिगत एवं सामूहिक प्रोजेक्ट निर्माण में
(C) पेनल विचार-विमर्श
(D) पाठों के श्रवण में
- निम्नलिखित में से कौनसी विधि वैयक्तिक विभिन्नताओं की उपेक्षा करती है?
(A) योग्यता समूह
(B) व्याख्यान विधि
(C) सूक्ष्म समूह शिक्षण विधि
(D) यूनिट विधि
- निम्नलिखित में से कौनसी न्यूनतम प्रभावी विधि (तकनीक) है?
(A) पैनल विचार-विमर्श
(B) समस्या समाधान
(C) कक्षा में रटना
(D) कक्षा वाद-विवाद
- निम्नलिखित में से किन्हें दृश्य-श्रव्य सामग्री के अन्तर्गत वर्गीकृत किया जाता है?
(A) ध्वनि चलचित्र एवं दूरदर्शन
(B) चित्र ड्राइंग तथा डायग्राम
(C) रेडियो, टेपरिकॉर्डर एवं स्लाइड्स
(D) उपर्युक्त सभी
CTET Paper Level 2 Child Development and Pedagogy Model Question Answer in Hindi
- दूरदर्शन को शिक्षाविद् कहते हैं
(A) शिक्षण सामग्री के रूप में अत्यधिक महत्वपूर्ण
(B) शिक्षण सामग्री के रूप में कक्षा में एक बाधा।
(C) कक्षा में शिक्षण के लिए पूर्ण अनुपयुक्त
(D) कक्षा के मनोरंजन की सामग्री
- शिक्षक द्वारा पाठ्यपुस्तकों के प्रयोग का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए
(A) शिक्षण को केन्द्रित करने वाली विषय-सामग्री के रूप में
(B) छात्रों के पुस्तक स्तर को ऊँचा करने के रूप में
(C) छात्रों के वाचन स्तर को ऊँचा करने के रूप में
(D) शिक्षक द्वारा व्याख्या कम करने के रूप में ।
- पाठ योजना निर्माण में शिक्षकों द्वारा निर्धारण किया जाना चाहिए
(A) अध्ययन क्षेत्रों का
(B) अध्ययन लक्ष्यों का
(C) सम्पूर्ण पाठ्यक्रम की योजना निर्माण के कार्य शिक्षक ही करें
(D) उन क्रियाओं का जिनसे शिक्षण-उद्देश्यों की प्राप्ति सम्भव हो
- समस्त शैक्षणिक योजना का केन्द्र बिन्दु हैं
(A) यूनिट इकाईयों का निर्माण
(B) दैनिक पाठों का सूक्ष्म निष्कर्षण
(C) पाठ के सूक्ष्म उद्देश्यों का निष्कर्षण
(D) शिक्षण की सम्पूर्ण योजना का निर्माण
- एक शिक्षण कार्ययोजना (यूनिट) को सर्वोत्तम ढंग से निम्नलिखित रूप से परिभाषित किया जाता है? ।
(A) महत्त्वपूर्ण अधिगम क्षेत्रों के सन्दर्भ में अपनी शिक्षण योजना को कार्यान्वित करने के ढंग के रूप में
(B) तार्किक क्रम में आबद्ध ज्ञान के रूप में
(C) विषय-वस्तु की निर्माण योजना के रूप में
(D) किसी विषय-वस्तु का ज्ञान प्रदान करने के क्रम में स्थापित करने के रूप में
- ‘यूनिट’ (Unit) है
(A) शिक्षक द्वारा प्रयुक्त सम्पूर्ण पाठ योजना
(B) उद्देश्यों एवं शिक्षण विषय वस्त को एक संगठित रूप में क्रियान्वित करने की योजना
(C) एक ऐसी योजना जिसे छात्रों की आवश्यकता के आधार पर अभिकल्पित किया जाता है।
(D) सम्बन्धित क्रियाओं की एक श्रृंखला जिसे वर्णित उद्देश्यों का प्राप्ति के क्रम में व्यक्त किया जाता है
- एक शिक्षण इकाई के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौनसा कथन असत्य है?
(A) यह शिक्षक को सुरक्षा प्रदान करती है
(B) यह कक्षा कार्यों हेतु दिशा-निर्देश प्रदान करती है
(C) यह अधिगम मूल्यांकन विधियों के रूप में कार्य करती है
(D) यह एक वृहद विचार को कार्यरूप में परिणित करती है
- एक पाठ-योजना के निर्माण में निहित रहते हैं
(A) शिक्षण एवं उद्देश्य, समस्याओं का विश्लेषण
(B) शिक्षण क्रियाओं का विवरण
(C) शिक्षण बिन्दुओं को मूल्यांकन के क्रम में व्यवस्थापन
(D) शिक्षण सम्बन्धी उद्देश्य तकनीकियाँ, प्रविधियाँ एवं संसाधन
- निम्नलिखित में से कौनसा कथन एक पाठयोजना निर्माण में न्यूनतम लाभ प्रदान करता है?
(A) यूनिट के शीर्षक का विश्लेषण
(B) यूनिट के लक्ष्यों पर विचार-विमर्श
(C) यूनिट के दोषों का वर्णन
(D) यूनिट के लिए शिक्षण-सामग्री का उपयोग
- शिक्षण सामग्री संसाधनों को प्रमुख रूप से जुटाया जाना चाहिए
(A) पाठ्यक्रम समन्वयक द्वारा
(B) पाठ्यपुस्तक प्रकाशक द्वारा
(C) छात्रों एवं शिक्षकों द्वारा
(D) पाठ्यक्रम सहायक द्वारा
- राष्ट्रीय साक्षरता मिशन कार्यक्रम का सम्बन्ध है
(A) प्राथमिक शिक्षा से
(B) माध्यमिक शिक्षा से
(C) उच्च शिक्षा से
(D) प्रौढ़ शिक्षा एवं निरक्षरता उन्मूलन से
- भारतीय संविधान की धारा 45. भारत का प्रत्येक नागरिक को अधिकार प्रदान करती है
(A) न्यूनतम प्राथमिक स्तर की शिक्षा का
(B) माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा का
(C) प्रौढ़ शिक्षा का
(D) धार्मिक शिक्षा का
- सतत् मूल्यांकन की विधा है
(A) आधुनिक एवं नवीन मूल्यांकन विधि
(B) पारम्परिक मूल्यांकन विधि
(C) मूल्यांकन की वस्तुनिष्ठ विधि
(D) ‘A’ तथा ‘C’ दोनों ही
- वर्तमान प्राथमिक शिक्षा में सर्वाधिक अवांछनीय प्रवत्ति है
(A) पाठ्यक्रम में शिथिलता
(B) अधिगम एक सहयोगात्मक सम्प्रत्यय
(C) कक्षा के आकार में वृद्धि
(D) शिक्षण का वैयक्तीकरण
CTET Paper Level 2 Child Development and Pedagogy Question Answer Practices Set
- आधुनिक समय में दूरदर्शन के शैक्षिक कार्यक्रमों से पढ़ने हेतु पर्याप्त समय निकालने के लिए शिक्षकों को चाहिए कि
(A) वे छात्रों को वांछनीय शैक्षिक कार्यक्रमों की उचित जानकारी प्रदान करें
(B) वे दूरदर्शन को छात्रों के अनुसार नियंत्रित करवायें
(C) छात्रों के लिए शिक्षण सम्बन्धी कार्यक्रमों का अधिकाधिक प्रसारण करवायें
(D) छात्रों को दूरदर्शन के मनोरंजनात्मक कार्यक्रमों को देखने से हतोत्साहित किया जाए।
- आजकल शिक्षा में प्रचलित प्रवृत्ति यह है कि
(A) बालकों की विकास-वृद्धि का मूल्यांकन उनके व्यवहार के माध्यम से किया जाए
(B) छात्रों पर किसी भी प्रकार का नियंत्रण लागू न किया जाए
(C) छात्रों पर अधिक प्रभावी अनुशासन नियम लागू किए जाए
(D) छात्रों के पाठ्यक्रम को सुदृढ़ किया जाए।
- किसी पाठ योजना को प्रभावशीलता के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा आधारभूत कारक है?
(A) दृश्य-श्रव्य सहायक सामग्री का औचित्यपूर्ण प्रयोग
(B) शिक्षकों द्वारा प्रकरणों की सारगर्भिता स्थापित करना
(C) छात्रों का व्यवहार एवं कक्षा का वातावरण
(D) अधिगम क्रियाओं में छात्रों की अहंग्रस्तता (तल्लीनता)
- कक्षा के मानसिक स्वास्थ्य को निम्नलिखित से अधिक प्राथमिकता प्रदान नहीं की जा सकती है
(A) छात्रों को शारीरिक व्यायाम के लिए दी जाने वाली छूट
(B) शिक्षक का मानसिक स्वास्थ्य ।
(C) विद्यालय की मनोविज्ञानशाला द्वारा किया जाने वाला कार्य
(D) कक्षा की स्वच्छता
- आधुनिक कक्षा में छात्रों से प्रत्याशा की जाती है कि
(A) कक्षाओं के चालू रहते हुए शोर न करें
(B) वे शिक्षकों से सम्मानपूर्वक व्यवहार करें।
(C) वे अपने शिक्षकों से भयग्रस्त रहें।
(D) वे शिक्षक से मित्रवत् व्यवहार करें
- कक्षा में अनुशासन की बुनियादी कसौटी है
(A) एक व्यवस्था क्रम का आभास
(B) कक्षा में होने वाले अधिगम की मात्रा
(C) कक्षा के सदस्यों द्वारा उत्तम व्यवहार का प्रदर्शन
(D) छात्रों में निर्देशन प्रवृत्तियों का विकास
- एक समस्यात्मक बालक के साथ व्यवहार करने की प्रभावी विधि है
(A) उसे प्राचार्य के पास भेज दिया जाए
(B) उसके माता-पिता से रिपोर्ट की जाए
(C) उसकी अभद्रता के कारणों का निर्धारण किया जाए
(D) उसकी अभद्रता के निराकरण के लिए हर सम्भावित प्रयास किया जाए
- प्राय: शिक्षक कक्षा को अनुशासित रख पाने में इसलिए नाकामायाब रहते हैं, क्योंकि
(A) वे कठोर हृदय वाले होते हैं
(B) वे उन नियमों को स्पष्ट करने में असक्षम है जो छात्रों के लिए बनाए गए हैं।
(C) वे अपने छात्रों के प्रति अविश्वसनीय दृष्टिकोण रखते हैं
(D) वे अपने विषय के शिक्षण में प्रभावी नहीं है
- प्राथमिक कक्षाओं में छात्रों का वाचन अभ्यास (रीडिंग प्रैक्टिस) कराई जाती है
(A) एक निर्धारित पाठ्यक्रम की सहायता से
(B) प्रत्येक छात्र द्वारा उच्च ध्वनि में पाठ की पुनरावृत्ति करना
(C) मातृभाषा की पुस्तकों द्वारा
(D) छात्रों को भाषा सम्बन्धी अनुभव प्रदान करके
- सामाजिक विषय के शिक्षण में
(A) विषय-वस्तु स्वयं में अन्तिम लक्ष्य होती है
(B) शिक्षण विधि शिक्षण परिस्थिति से पूर्ण मुक्त होती है।
(C) शिक्षण तकनीक तथा उद्देश्यों में कोई सम्बन्ध नहीं होता है
(D) युक्तियाँ एवं विषय सामग्री दोनों में पारस्परिक सम्बन्ध होता है
- बालकों में स्नेह एवं प्रेम सम्बन्धों की आवश्यकताओं को प्राय: निम्नलिखित पद के अन्तर्गत समूहीकृत किया जाता है
(A) स्वीकृति
(B) संवेगात्मक सुरक्षा
(C) लोकप्रियता
(D) मान्यता
- बालकों के व्यवहार को स्पष्ट किया जा सकता है
(A) उन उद्दीपकों के सन्दर्भ में जो उस पर कार्य करते हैं
(B) उनकी असंतुष्ट इच्छाओं के सन्दर्भ में
(C) उसके सामाजिक दबावों के सन्दर्भ में
(D) प्रेरकों एवं लक्ष्यों के जटिल तन्त्र के सन्दर्भ में।
41 एक शिक्षक अपनी मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं को सर्वोत्तम ढंग से सन्तुष्ट कर सकता है
(A) अज्ञान बालकों को उत्तम शिक्षण हेतु अपनी जीवन समर्पित करने में
(B) उत्कृष्टता के मानदण्ड स्थापित करने में
(C) बालकों की उच्च उपलब्धियों में अपनी असफलताओं को भुलाने में
(D) बालकों की आवश्यकता के प्रति संवेदनशील तथा सतर्कता में
- किसी व्यक्ति के आत्म-सम्प्रत्यय (Self-concept) से तात्पर्य है
(A) योग्यता से
(B) आत्मसम्मान से
- C) अन्य व्यक्तियों के प्रति दृष्टिकोण से
(D) स्वयं के प्रति दृष्टिकोण से
- निम्नलिखित में से किसे आवश्यक रूप से आत्मप्रत्यय का अंग नहीं माना जा सकता है?
(A) अभिवृत्तियों को
(B) आदतों को
(C) स्वमूल्यांकन को
(D) सामाजिक मानकों को
CTET Paper Level 2 Child Development and Pedagogy Question Answer in Hindi
- प्रायः ऐसा विश्वास किया जाता है कि नए शिक्षक निम्नलिखित क्षेत्र में अनपयुक्त रूप से प्रशिक्षित होते।
(A) अनुशासन
(B) व्यवसायिक प्रेरणा
(C) कक्षीय क्रियाओं का संगठन
(D) माता-पिता से सामाजिक सम्बन्ध
- यदि आप यह चाहते हैं कि अधिगम प्रभावशाली हो, तो सार्थक लक्ष्य का होना आवश्यक है
(A) पाठ्यक्रम उद्देश्यों के सन्दर्भ में ।
(B) बौद्धिक विचारों के सन्दर्भ में
(C) पाठ के उद्देश्यों एवं छात्रों की आवश्यकता के सन्दर्भ में
(D) शिक्षक की योजनाओं के सन्दर्भ में
- विद्यालय में छात्र प्रेरणा की शक्ति निर्भर करती है
(A) छात्र की आवश्यकताओं सम्बन्धी हताशाओं पर।
(B) निहित पुरस्कारों के आकर्षण पर ।
(C) लक्ष्य समाप्ति के बाद अपेक्षित प्रेरकों की सन्तष्टि पर।
(D) प्रलोभनों की उपयुक्तता पर
- किसी बालक को पढ़ने हेतु प्रेरित करने का उत्तम ढंग
(A) उसके आत्मसम्मान को सुरक्षित करना
(B) उसे प्रशंसा द्वारा फुसलाना
(C) उसे सकारात्मक प्रलोभन प्रदान करना
(D) उसके प्रेरकों का मार्गान्तीकरण करना
- जैसे-जैसे बालक बड़ा होता है, तो उसमें रुचि सम्बन्धी प्रवृत्तियाँ
(A) अनेक रूपों में विकसित होने लगती है
(B) निश्चित रूप से विकसित होने लगती है
(C) संख्यात्मक दृष्टि से सीमित हो जाती है, किन्तु उनमें गुणात्मक परिवर्तन दृष्टिगोचर होने लगते हैं
(D) संख्यात्मक एवं गुणात्मक रूप से अपरिवर्तित बनी रहती है
- बालकों की खेलकूद सम्बन्धी रुचि का अधिकतम विकास होता है
(A) प्राथमिक बाल्यावस्था में
(B) पूर्व-किशोरावस्था में
(C) प्रारम्भिक किशोरावस्था में
(D) अन्तिम किशोरावस्था में
- बालकों में जो रुचियों सम्बन्धी वैयक्तिक विभिन्नताएँ पाई जाती है, वे परिणाम होती है
(A) आयु के
(B) लैंगिक विभेदकता के
(C) आनुभविक पृष्ठभूमि के
(D) प्रदत अवसरों के
उत्तर माला (बाल विकास एवं अध्ययन विद्दा Child Development and Pedagogy)
- (B) 2. (C) 3. (D) 4. (A) 5. (A) 6. (C) 7. (B) 8. (A) 9. (D) 10. (C) 11. (D) 12. (B) 13. (C) 14. (D) 15. (C) 16. (D) 17. (D) 18. (C) 19. (A) 20. (D) 21. (A) 22. (D) 23. (C) 24. (A) 25. (D) 26. (A) 27. (D) 28. (C) 29. (D) 30. (A) 31. (D) 32. (B) 33. (B) 34. (D) 35. (C) 36. (C) 37. (D) 38. (D) 39. (B) 40. (D) 41. (D) 42. (D) 43. (B) 44. (B) 45. (C) 46. (C) 47. (D) 48. (B) 49. (B) 50. (C)