DEIEd Hindi vilom samanarthi, तुकान्त व समान धवनिओं वाले शब्द की पहचान, Study Material Notes Previous Question Answer

विलोम, समानार्थी, तुकान्त व समान धवनिओं वाले शब्दों की पहचान, तुकान्त शब्द
परिभाषा – जो शब्द अर्थ के स्तर पर परस्पर विपरीत अर्थ व्यक्त करते हो, उन्हे विलोम शब्द कहा जाता है। इन्हें विपरीतार्थक, विरोधमूलक या प्रतिलोम शब्द भी कहा जाता है।
विलोमता के कारक तत्व- डॉ. भोलानाथ तिवारी के अनुसार कोई शब्द तभी विलोम शब्द कहा जाता है, जब-
- उसका प्रयोग विषम सन्दर्भ में हुआ हो।
यथा-दिन में प्रकाश होता है और रात में अन्धकार।
- दो विरोधी वस्तुओं का प्रयोग एक ही भौतिक सन्दर्भ में हुआ हो।
यथा-तू मोटा है और वह पतला है।
- विषम संरचनात्मकता, यथा-
उपयोग अनुपयोग
सुगम दुर्गम
अकर्मक सकर्मक
- विषम घटकता, यथा-
स्त्री पुरूष
भाई बहिन
गाय बैल
गाय बैल
रोना हँसना
यह भी उल्लेखनीय है कि तत्सम शब्द का विलोम शब्द तत्सम शब्द ही होता है और तदभव शब्द का विलोम तदभव ही होता है। कभी-कभी एक ही शब्द के एक के एक से अधिक विलोम भी होते है। जैसे-
राजा का विलोम रानी, रंक, प्रजा
उत्तर का विलोम दक्षिण, प्रश्न
काला का विलोम गोरा, सफेद
इसका कारण पक्षों की विविधता है। यथा-उत्तर (दिशा) का विलोम दक्षिण (दिशा), उत्तर (जबाव) का विलोम प्रश्न होगा।
विलोम शब्दों की सूची
शब्द | विलोम | शब्द | विलोम |
अमृत | विष | अपमान | सम्मान |
अस्त | उदय | आहत | अनाहत |
अपना | पराया | अनाथ | सनाथ |
अनुज | अग्रज | अस्वस्थ | स्वस्थ |
अथ | इति | अर्पण | ग्रहण |
अनुलोम | प्रतिलोम | अतिवृष्टि | अनावृष्टि |
अनुरक्ति | विरक्ति | अन्तर्द्धन्द्ध | बहिर्द्धन्द्ध |
अभिज्ञ | भिज्ञ | अलभ्य | लभ्य |
अवनति | उन्नति | आकाश | पाताल |
अपमान | सम्मान | आघात | अनाघात |
अर्थ | अनर्थ | आविर्भाव | तिरोभाव |
अल्पज्ञ | बहुज्ञ | प्राचीन | नवीन |
आरम्भ | समापन | अभ्यन्तर | बाहा |
आरोहण | अवरोहण | आवाहन | विसर्जन |
आगमन | प्रस्थान | आस्था | अनास्था |
आकर्षण | विकर्षण | उन्मुख | विमुख |
आस्तिक | नास्तिक | आयात | निर्यात |
आदान | प्रदान | आदर | निरादर |
आशा | निराशा | उदयाचल | अस्ताचल |
उत्कर्ष | अपकर्ष | उपयुक्त | अनुपयुक्त |
उत्थान | पतन | उधार | नगद |
उन्नति | अवनति | ऐहिक | पारलौकिक |
उत्तीर्ण | अनुत्तीर्ण | उपयुक्त | अनुपयुक्त |
उपजाऊ | अनुपजाऊ | ऋणात्मक | धनात्मक |
उत्तम | अधम | कठिन | सरल |
उपकार | अपकार | कठोर | सरल |
उपसर्ग | परसर्ग | कनिष्ठ | कोमल |
उदात्त | अनुदात्त | कड़वा | मीठा |
उत्कृष्ट | निकृष्ट | कपट | निष्कपट |
उन्मीलन | निमीलन | कृष्ण | श्वेत |
एक | अनेक | कीर्ति | अपकीर्ति |
एड़ी | चोटी | कृश | स्थूल,पुष्ट |
ऐतिहासिक | अनैतिहासिक | कृतज्ञ | कृतघ्न |
आवृत | अनावृत | कर्मण्यता | अकर्मण्यता |
इति | अथ | कच्चा | पक्का |
इष्ट | अनिष्ट | घटाना | जोड़ना |
इच्छा | अनिच्छा | घृणा | प्रेम |
उपस्थित | अनुपस्थित | घना | विरल |
उग्र | सौम्य | घाटा | लाभ |
उत्तरायण | दक्षिणायन | चल | अचल |
उचित | अनुचित | सचेष्ट | निश्टेष्ट |
उच्च | निम्न | छल | ऩिश्छल |
जय | पराजय | छोटा | बड़ा |
जागरण | सुषुप्ति | जन्म | मरण |
खण्डन | मण्डन | जीत | हार |
खाद्द | अखाद्द | जंगम | स्थावर |
आय | व्यय | ज्येष्ठ | कनिष्ठ |
गुरू | लघु | गुप्त | प्रकट |
जड़ | चेतन | गोचर | अगोचर |
ज्ञात | अज्ञात | मूक | वाचाल |
गहरा | उथला | जाड़ा | गर्मी |
गुण | दोष, अवगुण | तीव्र | मन्द |
गमन | आगमन | ताजा | बासी |
ग्रहण | त्याग | तरूण | वृद्ध |
घात | प्रतिघात | तरल | ठोस |
दुर्जन | सज्जन | ताप | शीत |
दिन | रात | तापसी | सात्विकी |
देव | दानव | तिमिर | प्रकाश |
दण्ड | पुरस्कार | थोड़ा | बहुत |
दुर्बल | सबल | नागरिक | ग्रामीण |
देय | दानव | तिमिर | प्रकाश |
दुर्दान्त | शान्त | निरामिष | सामिष |
दक्षिण | वाम,उत्तर | निर्माण | विध्वंस |
देशभक्त | देशद्रोही | निर्लज्ज | सलज्ज |
देनदार | लेनदार | निरर्थक | सार्थक |
दुःख | सुख | नमक हराम | नमक हलाल |
दीर्घ | ह्रस्व | टूटना | जुड़ना |
पुरूष | कोमल | पुरस्कार | तिरस्कार |
विपन्न | सम्पन्न | परोक्ष | प्रत्यक्ष |
श्वेत | श्याम | परमार्थ | स्वार्थ |
ध्वंस | निर्माण | पक्ष | विपक्ष |
धर्म | अधर्म | पवित्र | अपवित्र |
धैर्य | अधैर्य | पवित्र | अपवित्र |
नित्य | अनित्य | पाठ्य | अपाठ्य |
निन्दा | प्रशंसा, स्तुति | परकीया | स्वकीया |
न्याय | अन्याय | परतन्त्र | स्वतन्त्र |
निकट | दूर | पात्र | कुपात्र |
न्यूनतम | अधिकतम | पतनोनमुख | विकासोन्मुख |
निंद्रा | जागरण | पारदर्शक | अपारदर्शक |
नर | नारी | पूर्वकाल | उत्तरकाल |
नया | पुराना | पसन्द | नापसन्द |
निरक्षर | साक्षर | परिचित | अपरिचित |
नीति | अनीति | प्रेम | घणा |
न्यून | अधिक | पाश्चात्य | पौर्वात्य |
नख | शिख | प्रश्न | उत्तर |
नश्वर | शाश्वत | प्रवेश | निकास |
बन्धन | मोक्ष | प्रातः | सार्य |
बुराई | भलाई | प्राचीन | अर्वाचीन |
बहिरंग | अन्तरंग | प्रासंगिक | अप्रगतिशील |
बद्ध | मुक्त | प्रगतिशील | अप्रगतिशील |
बाढ़ | सूखा | रात | दिन |
भूत | भविष्यत् | राजा | प्रजा |
भिखारी | दाता | रूक्ष | मृसण |
भौतिक | अभौतिक | भेद | अभेद |
लिप्त | निर्लिप्त | भाग्य | अभाग्य |
लघु | दीर्घ | मित्र | शत्रु |
विश्लेषण | संश्लेषण | वाद | प्रतिवाद |
मानव | अमंगल | भोगी | योगी |
मंगल | अमंगल | भोगी | योगी |
मिलन | विरह | लाभ | हानि |
परिभाषा- जो शब्द अर्थ के स्तर पर समान होते है, उन्हें पर्यायवाची शब्द कहा जाता है। जैसे- नेत्र के लिए लोचन, आँख, दृग, चक्षु। ये सभी शब्द समानार्थी होने के कारण पर्यायवाची है। जो भाषा जितनी सम्पन्न होती है, उसमें उतने ही पर्यायवाची शब्द होते है।
यहाँ पर स्मरणीय है कि पर्यायवाची शब्द मोटेतौर पर भले ही समानार्थी हों, किन्तु इनमें सूक्ष्म अर्थगत अन्तर होता हैच यथा-जल और पानी एक-दूसरे के पर्यायवाची है, किन्तु पूजा के लिए जल का प्रयोग होता है तथा खेत की सिंचाई के लिए पानी का प्रयोग होता है। जल में जो पवित्रता एवं स्वच्छता का भाव निहित है, वह पानी में नहीं है, अतः इनमें अर्थगत सूक्ष्म अन्तर विद्दमान हैं. प्रत्येक शब्द की महत्ता विष्य एवं स्थान के अनुसार ही होती है।
यहाँ हिन्दी के कुछ प्रमुख पर्यायवाची शब्दों की सूची प्रस्तुत है, जो मूलतः संस्कृत के तत्सम शब्दों पर आधृत है।
अग्नि आग, अनल, पावक, वहि, हुताशन, कृशानु, दहन।
असुर दनुज, निशाचर, राक्षस, दैत्य, दानव, रजनीचर, यातुधान।
अमृत पीयूष, सुधा, अमिय, सोम, सुरभाग, मधु।
अतिथि अभ्यागत, पाहुन, आगन्तुक, मेहमान।
अर्जुन धनंजय, पार्थ, भारत, गाण्डीवधारी, कौन्तेय, गुडाकेश।
अरण्य जंगल, वन, कान्तार, कानन, विपिन।
अंग अंश, भाग, हिस्सा, अवयव।
अश्व घोड़ा, हय, बाजि, घोटक, तुरंग, सैन्धव।
आँख नेत्र, चक्षु, लोचन, दृग, अक्षि, विलोचन।
अप्सरा देवांगना, देववधू, परी, सुरबाला, दिव्यांगना।
अपमान अनादर, निरादर, तिरस्कार, अवज्ञा, उपेक्षा।
अचला पृथ्वी, मेदिनी, क्षिति, वसुंधरा, धरा, वसुधा, धरित्रि।
अनुसंधान अन्वोषण, शोध, खोज।
अनाज धान्य, शस्य, नाज, अन्न, खाद्दान्न, गल्ला, दाना।
आम्र आम, रसाल, सहकार, अतिसौरभ, पिकवल्लभ।
आकाश अम्बर, गगन, नभ, व्योम, शून्य, अनन्त, आसमान, अन्तरिक्ष।
अनी सेना, फौज, चमू, दल, कटक।
इच्छा कामना, चाह, आकांक्षा,मनोरथ, स्पृहा, वांछा, ईहा, अभिलाषा।
इन्द्र सुरेश, सुरेन्द्र, सुरपति, शचीपति, देवेन्द्र, देवेश, वासव, पुरन्दर।
इन्द्रधनुष सुरचाप, सुरधनु, इन्द्रचाप, सुरेश चाप, सप्तवर्ण।
ईर्ष्या मत्सर, द्धेष, डाह, जलन, कुढन।
ऊट उष्ट्र, क्रमेलक, महाग्रीव, लम्बोष्ठ।
उपवन बाग, बगीचा, उद्दान, वाटिका।
उन्नति उत्कर्ण, उत्थान, उन्नयन, अभ्युदय, प्रगति, विकास।
उल्लास हर्ष, आनंद, मोद, उमंग, प्रमोद।
कमल राजीव, पुण्डरीक, जलज, पंगज, सरोज, सरोरूह, नलिन, तामरस, कंज, शतदल, अरव्न्द, अम्बु, सरसिज।
किरण अंशु, सश्मि, कर, मयूख, मरीचि, प्रभा, अर्चि।
कपड़ा वस्त्र, पट, चीर, अम्बर, वसन।
कुबेर धनद, धनेश, धनाधिप, राजराज, किन्नरेश, यक्षपति।
कामदेव मनसिज, मनोज, काम, मन्मथ, मार, अनंग, पुष्पधन्वा, मदन, मयन, मकरधवज, कन्दर्प, रतिनाथ, मनीकेतु।
कपट छल, प्रवंचना, छद्म, धोखा, फरेब।
कल्पवृक्ष मंदार, सुरतरू, पारिजात, हरिचंदन, देववृक्ष, कल्पद्रुम।
कबूतर कपोत, पारावत, परेवा, रक्त लोचन, हारीत।
कली कलिका, मुकुल, गुंचा, कोरक।
केला कदली, भानुफल, रंभा, कुंजरासना, गजवसा, मोचा।
कोयल पिक, श्यामा, कोकिला, पाली, कोकिल।
कृष्ण श्याम, मुरलीधर, गोविंद, गोपाल, कानहा, मोहन, कंसारि, मधुसूदन, गोपीनाथ, नंदलाल, यशोदानंदन, मुकुन्द, वंशीधर, माधव, दामोदर, द्धारिकाधीश, नंदनंदन, वासुदेव, देवकीनंदन, राधावल्लभ।
काक काग, कौआ, वायस, पिशुन, करट, करटक।
गणेश लम्बोदर, गजपति, गणपति, एकतन्त, विनायक, गजवदन, मोदकप्रिय, मूषकवाहन, भवूनीनन्दन, गौरीसुत गजानन।
गधा गदहा, गरिदभ, वैशाखनन्दन, रासभ, खर, धूसर।
गंगा भागीरथी, जाह्नवी, मन्दाकिनी, विष्णुपदी, देवापगा, देवनदी सुरसरिता।
गृह गेह, घर, सदन, भवन, आलय, निकेत, धाम, मन्दिर, आगार आयतन, निलय।
गर्व अहं, अहंकार, दर्प, दम्भ, अभिमान, घमण्ड।
गाय धेनु, गौ, सुरभि, गैया, दोग्धी, पयस्विनी, गऊ।
गरीब दीन, अंकिचन, दरिद्र, निर्धन, कंगाल।
चतुर दक्ष, पटु, कुशल, नागर, विज्ञ, निपुण।।
चन्द्रमा – चन्द्र, राकापति, राकेश, मयंक, सोम, शशि, इन्दु, मृगांक, कलानिधि, सुधाकर, निशाकर।।
चाँदनी कौमुदी, ज्योत्सना, चन्द्रिका, चंदनिया।
चरण पैर, पाद, पाँव, पग, पद।
चोर दस्यु, तस्कर, रजनीचर, साहसिक, खनक।
चंदन गंधराज, गंधसार, मलय, श्रीखण्ड, हरिगंध।
चमक प्रभा, ज्योति, द्युति, दीप्त, कान्ति, आभा।
चपला बिजली, चंचला, विद्युत, दामिनी, तड़ित।
चक्षु नेत्र, नयन, आँख, दृग, लोचन, अक्षि।
चोटी सानु, शीश, शिखर, तुंग, शृंग।
जानकी सीता, जनकनंदिनी, वैदेही, मैथिली, जनकसुता, रामप्रिया।
जल पानी, नीर, तोय, अम्बु, सलिल, जीवन, उदक, वारि, पय, अमृत।
जमुना यमुना, रविजा, कालिन्दी, अर्कजा, सूर्यसुता, रवितनया, तरणि-तनूजा कृष्णा।
जगत् संसार, जग, दुनिया, विश्व, भव, जगती।।
जीभ जिह्वा, रसना, रसिका, रसला, रसज्ञा, जबान।
झरना निर्झर, स्रोत, उत्स, प्रपात।।
झण्डा ध्वजा, पताका, केतु, केतन, ध्वज।
तालाब – सर, सरोवर, तड़ाग, जलाशय, पुष्कर, हृद।
तम अंधकार, अँधेरा, तिमिर, तमिसा।
तरंग — लहर, उर्मि, बीचि, हिलोर।
तरुणी युवती, मनोज्ञा, प्रपदा, यौवनवती।
दास सेवक, भृत्य, नौकर, परिचारक, किंकर, अनुचर।
दुःख व्यथा, कष्ट, वेदना, शोक, खेद, यातना, यन्त्रणा।
द्रव्य ,धन, दौलत, वित्त, सम्पत्ति, सम्पदा, विभूति।।
देवता सुर, अमर, देव, विबुध, निर्जर, गीर्वाण, वृंदारक।
दूध पय, दुग्ध, क्षीर, अमृत, स्तन्य।
द्रौपदी कृष्णा, द्रुपदसुता, पांचाली, याज्ञसैनी, सैरन्ध्री।
दानव असुर, दनुज, दैत्य, निशाचर, रजनीचर।
दिन दिवस, वासर, अह्न, वार।
दुर्गा – सुभद्रा, गौरी, चामुण्डा, शांभवी, मंगला, महागौरी, चण्डिका, सिंहवाहिनी महिषासुरमर्दिनी।।
देह – शरीर, वपु, कलेवर, काया।
दीपक – दीप, प्रदीप, दीया, गृहमण, ज्योति।।
धन श्री, सम्पत्ति, वित्त, अर्थ, लक्ष्मी।
धूल रज, मिट्टी, माटी, रेणु, धूलि।
धनु, चाप, कमान, शरासन, पिनाक, कोदण्ड।
धनु, चाप, कमान, शरासन, पिनाक, कोदण्ड।
नदी सरिता, तटिनी, आपगा, निम्नगा, तरंगिणी, वाहिनी, स्रोतस्विनी।
नाव नौका, तरणि, तरी, नैया, वत्रि, डोगी।
निशा रात्रि, विभावरी, रजनी, क्षपा, शर्वरी, रैना, रैन, यामिनी।
नया नूतन, नवीन, नव, नव्य, अभिनव, नवेली।
पर्वत गिरि, भूधर, अचल, शैल, नग, भूमिधर, मेरु, महीधर, पुष्पधूलि
परशुराम भृगुनंदन, भुंगुसुत, जामदग्न्य, भार्गव, परशुधर, रेणुकानंदन।
पत्थर पाषाण, पाहन, शिला, प्रस्तर, उपल, अश्म।।
पार्वती गौरी, शिवप्रिया, अपर्णा, अन्नपूर्णा, शैलजा, शैलपुत्री, अम्बिका।
प्रेम स्नेह, प्यार, प्रणय, अनुराग, रति।।
पत्नी अनश्वर भार्या, दारा, वामा, जाया, परिणीता, गृहिणी, वल्लभा, कुलांगना, कलत्र, अद्भगिनी।।
पति बल्लभ, भर्ता, स्वामी, नाथ, सैंया, प्राणनाथ।
पृथ्वी , भू, भूमि, इला, धरती, मेदिनी, वसुधा, वसुन्धरा, उर्वी।
पत्ता दल, पल्लव, पर्ण, किसलय।।
पण्डित प्राज्ञ, कोविद, मनीषी, विद्वान्, सुधी, विचक्षण।
पुत्री सुत, बेटा, तनय, आत्मज, तनुज, नन्दन, अपत्य।
पुष्प फूल, कुसुम, सुमन, प्रसून, पुहुप, फुल्ल।
प्रकाश प्रभा, कान्ति, ज्योति, द्युति, उजाला।
बाण शर, शिलीमुख, नाराच, विशिख, इषु, तीर।।
ब्रह्मा विधि, विधाता, स्वयंभू, चतुरानन, चतुर्मुख, कमलासन, पितामह, हिरण्यगर्भा।
बिजली चपला, चंचला, सौदामिनी, विद्युत, दामिनी, तड़ित, क्षणप्रभा, बीजुरी।
बन्दर कपि, शाखामृग, वानर, मर्कट, हरि।
वृक्ष तरु, विटप, पादप, पेड़, रूख, द्रुम।।
बादल पयोद, जलद, अम्बुद, मेघ, वारिद, जलधर, नीरद, पयोधर, वारिधर ।
ब्राहामण द्विज, भूसुर, भूदेव, विप्र, पण्डित।।
बलराम हलधर, दाऊजी, बलभद्र, हलायुध, बलबीर, बलदाऊ।
बुद्धि हलधर, दाऊजी, बलभद्र, हलायुध, बलबीर, बलदाऊ।
वर्षा वृष्टि, बरसात, वारिश, मेह, बरखा।
बहुत प्रचुर, प्रभूत, विपुल, ज्यादा, अधिक, अतीव।
भ्रमर अलि, मधुप, मधुकर, शृंग, भौरा, षटपद।
भाग अंश, अंग, हिस्सा, खण्ड, अवयव।।
भारत जम्बूद्वीप, आर्यावर्त, हिन्दुस्तान, इण्डिया।
भाल कपाल, मस्तक, माथा।
विष्णु हरि, श्रीपति, लक्ष्मीपति, चतुर्भुज, रमापति, रमेश, चक्रपाणि, जनार्दन, मुकुन्द, नारायण, माधव, केशव, अच्युत ।
मछली – मत्स्य, मीन, शफ़री, जलजोवन ।
मित्र सखा, मीत, सुहृद, दोस्त, सहचर ।
महेश – शिव, शंकर, भूतनाथ, चन्द्रशेखर, चन्द्रमौलि, भोले, रुद्र, त्रिलोचन, आशुतोष, पशुपति, शम्भू।।
मुक्ति मोक्ष, कैवल्य, परमपद, सद्गति, निर्वाण, अपवर्ग।
मयूर मोर, नीलकण्ठ, शिखी, शिवसुतवाहन, कलापी, केकी।
मुर्गा ताम्रचूड़, कुक्कुट, उपाकर, अरुपशिखा, ताम्रशिख।
मनीषी विद्वान्, प्राज्ञ, चिन्तक, विचारक।
मदिरा मद्य, दारू, शराब, सोम, सुरा, आसव, वारुणी।
मन्दिर देवस्थान, देवालय, देवगृह, ईशगृह।।
मेढक दादुर, भेक, मण्डूक, वर्षा प्रिय।
माता जननी, माँ, मातृ, मातु, मैया, अम्ब, अम्मा, माई, महतारी।
मोक्ष मुक्ति, कैवल्य, निर्वाण, अपवर्ग, सद्गति, परमधाम, परमपद
यमुना रविजा, कालिन्दी, अर्कजा, भानुसुता, तरणितनूजा।
युद्ध समर, रण, संग्राम, विग्रह, संघर्ष, लड़ाई।
यम यमराज, कृतान्त, रविसुत, धर्मराज, काल, अन्तक, जीवितेश, सूर्यपत्र
राजा नृप, महीप, नरेश, भूप, भूपति, महिपाल, नृपति, नरेन्द्र।
राम रामचन्द्र, रघुनन्दन, दशरथपुत्र, सीतापति, कौशल्यानन्दन, रघुपति, राघव, रघुराज।।
रात्रि रात, यामिनी, निशा, विभावरी, रजनी, शर्वरी, क्षणदा, रैन।
रावण दशानन, दशकंधर, लंकापति, राक्षसराज, लंकेश, दशमुख, मन्दोदरीपति।
राधा राधिका, राधे, श्यामप्रिया, कृष्ण प्रिया, ब्रजरानी, वृषभानुदुलारी, वृषभानुसुता।
लज्जा ब्रीडा, हया, शर्म, लाज, संकोच।
लक्ष्य उद्देश्य, मंजिल, निशाना, गंतव्य, ध्येय।।
लक्ष्मण रामानुज, सुमित्रानंदन, उर्मिला पति, सौमित्र शेषावतार, लखन।
वर्ग समुदाय, कोटि, समूह, श्रेणी, जमात।।
वर्षा पावस, बरसात, बारिश, चौमासा, वृष्टि, बरखा।
लक्ष्मी रमा, चंचला, विष्णुप्रिया, कमला, पदमा, कमलासना, पदमासना, इन्दिरा, हरिप्रिया।
सम्पूर्ण सब, पूरा, पूर्ण, निखिल, अखिल, नि:शेष, सकल।
सागर समुद्र, रत्नाकर, नदीश, पयोधि, वारिधि, जलधि, उदधि, जलनिधि, नीरनिधि 1, पारावा, सिन्धु।
सर्प दण्डधर नाग, भुजग, भुजंग, पन्नग, उरग, व्याल, विषधर, अहि, फणी, मणिधर ।
सरस्वती शारदा, वीणापाणि, वाग्देवी, वाणी, महाश्वेता, गिरा, ब्राह्मी, भारती, वाक्, वागीश।
सोना स्वर्ण, कांचन, कंचन, कनक, हेम, जातरूप, सुवर्ण, हाटक।
समूह समुदाय, वृन्द, गण, संघ, पुंज, दल, झुण्ड।
सूर्य – रवि, अर्क, भानु, दिनेश, दिवाकर, भास्कर, सविता, आदित्य, अंशुमाला, मार्तण्ड, दिनकर।।
सिंह – हरि, व्याघ्र, शार्दूल, केशरी, केहरी, मृगेन्द्र, मृगराज, पंचमुख।
सुन्दर चिर, चारू, रम्य, रमणीय, मनभवन, ललित, आकर्षक, मंजुल, कलित, सुरम्य, कमनीय, सुहावना।
सेविका दासी, नौकरानी, परिचारिका, भृत्या, किंकरी, अनुचरी।
स्तन पयोधर, उरोज, कुच, वक्षोज।
शेषनाग शेष, फणीश, वासुकि, धरणीधर, अहीश।
शुभ्र श्वेत, शुक्ल, धवल, सफेद।
शोभा छटा, सुषमा, सुन्दरता, मनोहरता, सौन्दर्य।
शिकारी आखेटक, लुब्धक, अहेरी, बहेलिया।
शरीर काया, गात, वपु, तन, देह, बदन, अंग।
शत्रु वैरी, रिपु, अरि, दुश्मन।
शेर सिंह, शार्दूल, केहरी, केशरी, वनराज, मृगेन्द्र, मृगराज।
संन्यासी वैरागी, त्यागी, परिब्राजक, दण्डी।
संतोष तुष्टि, सन्तुष्टि, तृप्ति, तोष।
संध्या सांझ, सांयकाल, सायं, दिनान्त, गोधूलि।
सम्राट महराज, नरपति, नृपति, शहंशाह, राजाधिराज, नृप, नरेश, राजा।
हिमालय गिरिराज, गिरीश, गिरिवर, पर्वतेश, पर्वतराज, हिमाद्रि, हिमगिरि, हिमवान।
हाथी हस्ती, कुंजर, नाग, सिन्धुर, दन्ती, करि, द्धिरद, गयन्द, गज, मातंग।
हाथ हस्त, भुजा, पाणि, कर, बाहु।
हिरन हरिण, सारंग, मृग, कुरंग।
हवा पवन, वायु, वात, समीर, प्रभंजन, अनिल, समीरम।
हनुमान पवनपुत्र, पवनसुत, कपीश, बजरंगी, महावीर, आंजनेय, मारूति, पवनकुमार, रामदूत, वज्रांगी, जितेन्द्रिय।
हंस मराल, चक्रांग, कलहंस, मानसीक।
हास्य स्मिति, मुस्कान, अट्टहास, मुस्कराहट, हँसी।
हार पराजय, मात, पराभव।
प्रश्वनावली
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
शैलजा किसका पर्यायवाची है
(A) पार्वती (B) हिमालय (C) लक्ष्मी (D) शची
पार्थ किसका पर्यायवाची है।।
(A) अर्जुन (B) पर्वत (C) श्रीकृष्ण (D)युधिष्ठिर
इनमें से कौन-सा शब्द जंगल का पर्यायवाजी है।
(A) घोटक (B) सैन्धव (C) हय (D) गज
- इनमें से कौन-सा शब्द जंगल का पर्यायवाजी है
(A) विटप (B) द्रुम (C) शून्य (D) कान्तार
- इनमें से आँख का पर्यायवाची कौन-सा शब्द है
(A) सहकार (B) कुटज (C) पिक (D) दृग
- तस्कर किस शब्द का पर्यायवाची है
(A) चोर (B) यमुना (C) सूर्य (D) चतुर
- कृष्णा इनमें से किसका पर्यायवाची है
(A) राधा (B) रूक्मिणी (C) द्रौपदि (D) चतुर
- प्रपात किस शब्द का पर्यायवाची है
(A) नदी (B) सरोवर (C) समुन्द्र (D) झरना
- भव शब्द किसका पर्यायवाची है
(A) शंकर (B) विष्णु (C) ब्रहा (D)इन्द्र
- साहसिक शब्द किसका पर्यायवाची नहीं है
(A)साहसी (B) चोर (C) चाँदनी (D) बैल
- इनमें से कौन-सा शब्द चन्द्रमा का पर्यायवाची नही है
(A) शशि (B) मयंग (C) देवापगा (D) राकेश
- पुष्कर किस शब्द का पर्यायवाची है
(A) कमल (B) गुलाब (C) नगर (D) तालाब
- इनमें से घर का पर्यायवाची शब्द है
(A) निकेत (B) जीवन (C) तड़ाग (D) विबुध
- रासभ शब्द किसका पर्यायवाची है
(A) घोड़ा (B) गधा (C) ऊँट (D) बकरा
- रसना शब्द किसका पर्यायवाची है
(A) स्वाद (B) आभूषण (C) जीभ (D) दाँत
- इनमें से कौन-सा शब्द यमुना का पर्यायवाची नही है
(A) कालिन्दी (B) भागीरथी (C) रविसुता (D) अर्कजा
- इनमें से कौन-सा शब्द पताका का पर्यायवाची नही है
(A) देवापगा (B) हंसजा (C) सुरसरिता (D) विष्णु पदी
- इनमें से कौन-सा शब्द पताका का पर्यायवाची है
(A) केतु (B) मीनकेतु (C) वृषकेतु (D) धूमकेतु
- इनमें से कौन-सा देवता का बोध नही कराता
(A) ईश (B) विबुध (C) सुर (D) अमर
- इनमें से सेवक का पर्यायवाची शब्द कौन-सा है
(A) केतन (B) उतक (C) अनुचर (D) परिचारिका
- इनमें से किस शब्द से शंकर का बोध नहीं होता
(A) रुद्र (B) चन्द्रशेखर (C)कैवल्य (D) आशुतोष
- मोर का पर्यायवाची इनमें से क्या है
(A) कलापी (B) तड़ित (C) विशिख (D) विचक्षण
- दुहिता किस शब्द का पर्यायवाची है
(A) पुत्र (B) पुत्री (C) स्त्री (D) पत्नी
- निर्वाण का पर्यायवाची शब्द क्या है
(A) निर्माण (B) भवन (C) मोक्ष (D) मोती