46. पौर्वशालः का विग्रह है
• पूर्वाशाला यस्य
• पूर्वशालां यस्य
• पूर्वास्यां शालायां भवः
• पूर्वशाला स्म।
47. नम् धातु विधिलिंग परस्मैपद मध्यम पुरुष एकवचन-
• नमेयुः
• नमेमाम्
• नमेः-
• नर्मतम्।
48. पठ् धातु लोट्लकार उत्तम पुरुष एकवचन रूप है—
• अपठतम्
• पठत् ।
• पठानि
• पठिष्यामि।
49. समास किये गये पदों को कहते हैं।
• समास
• समस्त पद
• विग्रह
• निग्रह।
50. अधिहरि’ में समास है—
• तत्पुरुष समास
• बहुव्रीहि समास
• द्वन्द्व समास
• अव्ययीभाव समास
51. ‘श्वेतपीतः’ उदाहरण है—
• कर्मधारय
• तत्पुरुष
• द्विगु
• द्वन्द्व
52. कर्मधारय का उदाहरण है—
• मुखकमलम्
• पंचगंगम्
• शिवश्च रामश्च
• अनुरूपम्
53. बहुत से पदों को मिलकर एक पद बन जाना कहलाता है
• सन्धि
• समास
• अलंकार
• छन्द।
54. पदों के मिलने की प्रक्रिया कहलाती है।
• समसन
• सन्धि
• अलंकरण।
• छन्द।
55. सक्षत्रम् शब्द का क्या अर्थ है
• क्षेत्र सहित
• क्षत्रियों की सम्पत्ति
• क्षत्रियों की विपत्ति
• क्षत्रियों का गुस्सा।
56. दृषद्’ शब्द का अर्थ है
• देखना
• पत्थर
• हृदय
• चन्द्रमा।।
57. जगती’ शब्द में लिंग, वचन व विभक्ति है—
• स्त्रीलिंग, एकवचन, प्रथमा
• स्त्रीलिंग, बहुवचन, प्रथमा
• पुल्लिंग, एकवचन, प्रथमा
• नपुंसकलिंग, द्विवचन, प्रथमा।।
58. विभक्ति का चिह्न है
• से, के द्वारा
• के लिए
• में, पर
• का, के, की।
59.‘सर्व’ शब्द का स्त्रीलिंग सप्तमी विभक्ति एकवचन का रूप है।
• सर्वस्मिन्
• सर्वा
• सर्वाम्।
• सर्वस्याम।।
60. दिशों शब्द में विभक्ति व वचन है-
• प्रथमा विभक्ति, एकवचन
• प्रथमा विभक्ति, बहुवचन
• प्रथमा विभक्ति, दिवचन
• षष्ठी विभक्ति, एकवचन
61. श्रमेण बिना विद्दा न भवति का सरल हिन्दी वाक्य है-
• श्रम से विद्दा होती है
• श्रम के बिना विद्दा नहीं होती है
• श्रम करने से विद्दा नहीं होती है
• इनमें से कोई नहीं।
62. पुस्तकम् पठ का हिन्दी भाव हैं-
• पुस्तक पढ़ी
• पुस्तक पढेंगे
• पुस्तक पढ़ना है
• पुस्तक पढ़ो।
63. वह पाप से घृणा करता है को संस्कृत में लिखिए-
• अहं पापेन घृणां करोति
• स: पापेन घृणा करोति
• सा पापेन घृणा करोति
• त्व पापेन घृणां करोति।
64. कृष्ण: विद्दालयम् गतिष्यति का हिन्दी अनुवाद लिखिए।
• कृष्ण विद्दालय जायेगा
• कृष्ण विद्दालय गया
• कृष्ण विद्दालय जाओ
• कृष्ण विद्दालय जाता है।
