DElEd 1st Semester Short Question Answer
प्रश्न 25. निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत से हिन्दी में अनुवाद कीजिए
(अ) अहं पत्रं लिखिष्यामि। (ब) त्वं पुस्तकं पठिष्यसि।
(स) श्यामः गृहं गमिष्यसि। (द) अहं पुस्तकं पठिष्यामि।
(य) स ह्य पाठम् अपठतम्। (र) रामः पत्रम् अलिखत्।
(ल) बालः गुरुम् अनमत्
उत्तर-(अ) मैं पत्र लिबँगा। (ब) तुम पुस्तक पढ़ोगे।
(स) श्याम घर जायेगा। (द) मैं पुस्तक पढ़ेगा।
(स) उसने कल पाठ पढ़ा था। (र) राम ने पत्र लिखा था।
(ल) बालक ने गुरु को प्रणाम किया।
प्रश्न 27. निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत से हिन्दी में अनुवाद कीजिए। (बी.टी.सी. 2015)
(अ) भो छात्र! इहागच्छ। (ब) युवाः पत्रं पठतः।।
(स) ते कन्दुकैः अक्रीडन्। (द) पश्य! कः आगच्छति ?
उत्तर—(अ) अरे छात्र ! यहाँ आओ। (ब) तुम दोनों पत्र पढ़ते हो।।
(स) वे गेंद से खेले।। (द) देखो ! कौन आता है।
प्रश्न 28. संस्कृत शिक्षण में दृश्य-श्रव्य उपकरणों का क्या महत्व है ? उत्तर–संस्कृत शिक्षण में दृश्य-श्रव्य उपकरणों का महत्व निम्न प्रकार है
(i) पाठ्य-वस्तु को रोचक, सार्थक एवं बोधगम्य बनाने के लिए दृश्य उपकरणों की । उपयोगिता है।
(ii) छात्रों का शिक्षण सुविधापूर्वक हो इसके लिए ये उपकरण प्रेरक हैं।
(iii) दिये गये ज्ञान को सुदृढ़ और चिरस्थायी बनाने के लिए ये उपकरण उपयोगी हैं।
(iv) संस्कृत चूँकि वैज्ञानिक भाषा है और मातृभाषा भी नहीं है, किन्तु संस्कृत को जानने | हेतु नितान्त उपयोगी हैं।
(v) छात्रों को सक्रिय रखने हेतु इनका महत्व है।
(vi) आज के वैज्ञानिक युग में जब प्रत्येक विषय में ही इनके महत्व को स्वीकार किया गया है तब संस्कत के लिए तो ये और अधिक उपयोगी सिद्ध होते हैं।
(vii) बालक का ध्यान केन्द्रित करने के लिए ये नितान्त उपयोगी हैं।