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DElEd 1st Semester Science 3rd 4th Science Short Question Answer Paper

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प्रश्न 23. विज्ञान से आप क्या समझते हैं ? इसकी शाखाएँ बताइए।

उत्तर- विज्ञान को अंग्रेजी में साइन्स कहते हैं। साइन्स (science) शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द सिंटिया (scientia) से हुई है, जिसका अर्थ है–’जानना’ (to know) अर्थात् ज्ञान प्राप्त करना। सन्धि विच्छेद है–वि + ज्ञान अर्थात् विशेष ज्ञान। यह ज्ञान प्रायः प्राकृतिक घटनाओं के ज्ञान से सम्बन्धित होता है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि प्राकृतिक घटनाओं के प्रेक्षण पर आधारित क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित ज्ञान को विज्ञान कहा जाता

विज्ञान की कुछ प्रमुख शाखाएँ हैं

(1) भौतिकी या भौतिक विज्ञान, (2) रसायन विज्ञान, (3) प्राणि विज्ञान, (4) वनस्पति विज्ञान, (5) भू-गर्भ विज्ञान, (6) खगोल विज्ञान, (7) अन्तरिक्ष विज्ञान आदि।

भौतिकी, विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, इसे अंग्रेजी में फिजिक्स (Physics) कहा जाता है। यह शब्द ग्रीक भाषा के शब्द ‘फ्यूसिस’ (fusis) से बना है जिसका अर्थ प्रकृति (nature) है।

परिभाषा भौतिकी, विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य तथा ऊर्जा के विविध रूपों एवं उनकी अन्योन्य क्रियाओं (mutual interactions) का अध्ययन किया जाता है।

इस परिभाषा को समझने के लिए पहले हमें ‘द्रव्य’, ‘ऊर्जा’ तथा ‘अन्योन्य क्रिया’ का अर्थ जानना आवश्यक है।

प्रश्न 24. द्रव्य एवं ऊर्जा से क्या समझते हैं ? इनकी क्रियाएँ बताइए।।

उत्तर-द्रव्य (Matter)- कोई भी वस्तु जो स्थान घेरती है तथा जिसमें द्रव्यमान (mass) होता है, द्रव्य कहलाती है। उदाहरणार्थ-मेज, कुर्सी तथा दरवाजा, तीनों वस्तुएँ एक ही द्रव्य, लकड़ी से निर्मित हैं। इसमें मेज, कुर्सी तथा दरवाजा द्रव्य नहीं हैं, वे केवल वस्तुएँ।

हैं, परन्तु उनका निर्माण करने वाली लकड़ी एक द्रव्य है। द्रव्य के अन्य उदाहरण है। ताँबा, वायु, जल आदि। प्रत्येक द्रव्य परमाणुओं से तथा प्रत्येक परमाणु इलेक्ट्रॉन, घो। न्यूट्रॉन से निर्मित होता है।

ऊर्जा (Energy) – ऊर्जा भौतिक कारक है जिसके द्वारा कतों में कार्य करने की उत्पन्न हो जाती है। किसी भी कार्य को करने हेतु ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। द्रव्यात्मक (material) नहीं होती है अर्थात् उसमें भार, आयतन आदि नहीं होता है परन्त अनेक रूपों में पाई जाती है; जैसे-ऊष्मा, प्रकाश विद्युत्, ध्वनि आदि। | द्रव्य व ऊर्जा की अन्योन्य क्रियाएँ-20वीं शताब्दी के वैज्ञानिक एल्बर्ट आइन् (Albert Einstein) ने केवल गणनाओं द्वारा यह सिद्ध किया द्रव्य एवं ऊर्जा एक-दूसरे के समतुल्य हैं। द्रव्य को ऊर्जा में और ऊर्जा को द्रव्य में परिवर्तित किया जा सकता है। अर्थात द्रव्य वास्तव में घनीभूत ऊर्जा होती है।

द्रव्य एवं ऊर्जा के एक-दूसरे को प्रभावित करने की क्रिया उनकी अन्योन्य किया कहलाती है। यदि किसी वस्तु को ऊष्मा ऊर्जा दी जाए तो उसमें प्रसार हो जाता है। इसका अध्ययन करना ही भौतिकी का उद्देश्य होता है।

भौतिकी एक प्रायोगिक विज्ञान है जिसका अध्ययन विभिन्न प्रकार के प्रेक्षणों तथा मापनों द्वारा की जा सकती है।

प्रश्न 25. मापन की आवश्यकता बताइए।

उत्तर–भौतिक राशियाँ-जिसे कोई संख्यात्मक मान दिया जा सकता है, उसे राशि (quantity) एवं जिन राशियों के पदों में भौतिक विज्ञान के नियमों का वर्णन हो, उन्हें भौतिक राशियाँ कहा जाता है। उदाहरणार्थ-किसी देश की जनसंख्या, किसी मनुष्य का मासिक वेतन, किसी विषय में किसी विद्यार्थी के प्राप्तांक आदि राशियाँ हैं, परन्तु कमरे का ताप (temperature) एक भौतिक राशि है। इसके अतिरिक्त किसी छड़ की लम्बाई, किसी कण का द्रव्यमान, किसी कण पर लगाया गया बल आदि समस्त भौतिक राशियाँ हैं क्योंकि इनकी लम्बाई, द्रव्यमान, बल आदि के द्वारा भौतिकी के नियमों का वर्णन किया जा सकता है।

हमारी ज्ञानेन्द्रियाँ किन्हीं दो वस्तुओं के समान गुणों की मात्र तुलना कर सकती हैं, परन्तु उनका यथार्थ मापन नहीं कर सकती हैं; जैसे-दो पिण्डों को भिन्न-भिन्न हाथ से उठाकर हम यह बता सकते हैं कि कौन-सा पिण्ड हल्का है और कौन-सा भारी । इसी प्रकार दो छड़ों को देखकर अथवा उन्हें बराबर रखकर हम बता सकते हैं कि कौन-सी छड़ बड़ी है और कौन-सी छोटी। परन्तु कभी-कभी हमारी ज्ञानेन्द्रियों द्वारा प्राप्त जानकारी गलत भी होती है; जैसे- यदि हम अपने दाएँ हाथ को गर्म पानी के बर्तन में तथा बाएँ हाथ को ठण्डे पानी के बर्तन में डुबोएँ, उनके पश्चात् दोनों हाथों को एक साथ गुनगुने (slightly warm) पानी के बर्तन में डुबोएँ तो वही पानी दाएँ हाथ को ठण्डा तथा बाएँ हाथ को गर्म प्रतीत होगा। एस* किस हाथ के अनुभव को उचित माना जाए? इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि भौतिक राशियों का सही-सही परिमाणात्मक ज्ञान प्राप्त करने के लिए उनका (यन्त्रों द्वारा) मापन करना बहुत आवश्यक होता है।

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