DElEd Semester 1 Social Studies Samajik Adhyan Short Question Answers in Hindi
प्रश्न 38. नासा क्या है? वर्णन कीजिए।
उत्तर – नासा को अंग्रेजी में नेशनल एयरोनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (National Aeronautics and Space Administration) अर्थात् राष्ट्री वैमानिकी और अन्तरिक्ष प्रबन्धन कहते हैं। इसे संक्षेप में नासा (NASA) के नाम से भी जानते हैं। नासा का गठन पूर्वाधिकारी संस्था नेशनल एडवाइजरी कमिटी फॉर एयरोनॉटिक्स (एन.सी.ए.) के स्थान पर का गया। 29 जुलाई 1958 इसके पूर्वाधिकारी संस्था नेशनल एडवाइजरी कमिटी फॉ
मानसिक प्रगति की है। मनुष्य अपनी भौतिक, शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आध्याति आवश्यकताओं की पूर्ति विचारणा और चिन्तन द्वारा करता है।
अब प्रश्न उठता है कि ‘आर्थिक समस्या क्या है ? मनुष्य के जीवन में समय-समय विभिन्न प्रकार की समस्याएँ आती हैं। उनमें कुछ आर्थिक होती हैं और कुछ अनाधि
आर्थिक समस्याओं की दो विशेषताएँ हैं| (i) सर्वप्रथम विशेषता यह है कि हम सब मनुष्यों की कुछ-न-कुछ आवश्य होती हैं (All of us feel wants)।
। (ii) दूसरी विशेषता यह है कि जिन साधनों से हम अपनी जरूरतें पूर्ण करते हैं सीमित होती हैं (The resources in men, material or time are limited or scarce)। | साधनों के सीमित होने के कारण मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु भिन्न भिन्न कार्य करता है। इन विभिन्न कार्यों के सम्बन्ध में जो विभिन्न प्रकार की समस्या उत्पन्न होती हैं, उन्हें ‘आर्थिक समस्याएँ’ कहते हैं। इससे स्पष्ट है कि मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दो प्रकार के कार्य करता है
(अ) एक वे जो धन कमाने से सम्बन्ध रखते हैं, एवं (ब) दूसरे वे जो अर्जित धन को । जरूरतों की पूर्ति पर व्यय करने से सम्बन्ध रखते हैं।
अर्थशास्त्र इन दोनों प्रकार की क्रियाओं का अध्ययन करता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि “अर्थशास्त्र उन कार्यों का अध्ययन करता है, जिनके द्वारी आवश्यकताओं की पूर्ति करना सम्भव होता है।” अर्थशास्त्र के जनक एडम स्मिथ थे।
प्रश्न 38. नासा क्या है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर– नासा को अंग्रेजी में नेशनल एयरोनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (National Aeronautics and Space Administration) अर्थात् राष्ट्रीय वैमानिकी और अन्तरिक्ष । प्रबन्धन कहते हैं। इसे संक्षेप में नासा (NASA) के नाम से भी जानते हैं। नासा का गठन ‘नेशनल एयरोनॉटिक्स एण्ड स्पेस’ अधिनियम के अन्तर्गत 19 जुलाई, 1958 में इसके पूर्वाधिकारी संस्था ‘नेशनल एडवाइजरी कमिटी फॉर एयरोनॉटिक्स’ (एन.सी.ए.) के स्थान । पर किया गया।
29 जुलाई, 1958 को राष्ट्रपति आइजनहावर द्वारा नासा की स्थापना की गई। 1 अक्टूबर, 1958 को इसका परिचालन प्रारम्भ किया गया। यह संस्था संयुक्त राज्य अमेरिका की एक सरकारी शाखा है, जो देश के सार्वजनिक अन्तरिक्ष कार्यक्रमों व एयरोनॉटिक्स एवं एरोस्पेस संशोधन के लिए उत्तरदायी है। | फरवरी 2006 से नासा का लक्ष्य वाक्य ‘भविष्य में अन्तरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक खोज और एयरोनॉटिक्स संशोधन को बढ़ाना रहा है।”
14 सितम्बर, 2011 में नासा ने यह घोषणा की थी कि उन्होंने एक नये स्पेस लॉन्च सिस्टम के डिजाइन का चुनाव किया है, जिसके चलते संस्था के अन्तरिक्ष यात्री अन्तरिक्ष में एवं अधिक दूर तक सफल करने में सक्षम होग और अमेरिका द्वारा मानव अन्तरिक्ष अन्वेषण में एक नया कदम साबित होंगे।
1946 से एयरोनॉटिक्स हेतु राष्ट्रीय सलाहकार समिति (NASA) ने 1950 के दशक में सुपरसोनिक बेल एक्स-1 का रॉकेट विमानों के साथ प्रयोग किया था अन्तर्राष्ट्रीय भू भौतिक वर्ष के लिए एक कृत्रिम उपग्रह को 1957 में लॉन्च करने की चुनौती थी। इसके लिए एक प्रयास अमेरिकन परियोजना मोहरा था। 4 अक्टूबर, 1957 पर दुनिया का पहला कत्रिम उपग्रह (स्पुतनिक 1) के सोवियत प्रक्षेपण के पश्चात संयुक्त राज्य अमेरिका का ध्यान अपनी ही नवेली अन्तरिक्ष प्रयलों की ओर कर दिया गया। स्पतनिक-1 संकट के रूप में। जाना जाता है।
इसलिए अमेरिकी कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रौद्योगिकीय नेतृत्व करने हेतु पर कथित धमकी से परेशान होकर तत्काल और शीघ्रता से कार्रवाई करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ड्वाइट डी. आइजनहावर और उनके सलाहकारों ने जान-बूझकर उपायों की सलाह दी।
NASA पर आधारित एक नवीन संघीय एजेन्मी ने अन्तरिक्ष में समस्त गैर-सैन्य ताएँ गतिविधि का संचालन करने की आवश्यकता समझी एवं इसके तहत एक समझौते के लिए नेतृत्व किया। फरवरी 1958 में सैन्य आवेदन के लिए एवं अन्तरिक्ष प्रौद्योगिकी विकसित करने हेतु एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेन्सी (ARPA) को बनाया गया था।
प्रश्न 39. नगरीकरण क्या है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- नगरीकरण’ शब्द नगर से ही निर्मित हुआ है। नगरीकरण ग्रामों के नगरों में बदलने की प्रक्रिया को कहते हैं। यहाँ लोग कृषि व्यवसाय को छोड़कर अन्य व्यवसाय करने लगते हैं अर्थात् लोग गाँव छोड़कर शहरों में निवास करने लगते हैं, जिससे शहरों का विकास प्रसार एवं वृद्धि होती है। नगरीय जीवन जीने की विधि को ही नगरीयता या नगरवाद कहा जाता है। नगरवाद (Urbanism) केवल नगरों तक ही सीमित नहीं होता बल्कि गाँव में रहकर भी लोग नगरीय जीवन विधि को अपना सकते हैं।
इसका आशय यह है कि ग्रामीण व्यक्ति भी जो कि ग्रामीण व्यवसास एवं आदतों को त्यागते नहीं हैं, नगरीय हो सकते हैं। यदि वे नगरीय जीवन शैली, मनोवृत्ति, मूल्य, व्यवहार एवं दृष्टिकोण को अपना लेते हैं।
उद्योगों की स्थापना के साथ ही भारत में नगरीकरण की प्रक्रिया भी तेज हुई है। ग्रामीण लोग देश के विभिन्न भागों में स्थित कारखानों में काम करने के लिए गमन करने लगते हैं। फलस्वरूप महानगरीय एवं नगरीय जनसंख्या में वृद्धि हुई है। आज देश में 5,470 क बे तथा 35 महानगर हैं। इसमें से प्रत्येक की जनसंख्या 10 लाख से भी अधिक है। देश में 2011 की जनगणनानुसार 31:16% जनसंख्या नगरों में निवास करती है।
यही नहीं बल्कि नगरीय संस्कृति गाँवों में ही फैल रही है। भारत में नगरीकरण की प्रक्रिया ने यहाँ के समाज एवं जनजीवन को बहुत कुछ प्रभावित किया है। इसके परिणामस्वरूप एक तरफ अनेक सुविधाएँ प्राप्त हुई हैं तो दूसरी ओर कई सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों एवं समस्याओं को भी पनपने। का मौका मिला है। |
शहरी इलाके कई प्रकार के हो सकते हैं। कहीं समय-समय पर लगने वाले बाजार होते। हैं तो कहीं स्थायी बाजार होते हैं तो दूसरी ओर ऐसे छोटे कस्बे भी होते हैं जो बाजार के साथ-साथ कानून, प्रशासन और धार्मिक गतिविधियों के केन्द्र भी होते हैं। शहरों के आकार तथा जटिलता में भी बहुत अन्तर होता है।
राजनीतिक प्राधिकार का केन्द्र प्राय: बड़े शहर ही। होते हैं। वे दस्तकारों, व्यापारियों और धार्मिक अधिकारियों को भी प्रश्रय देते हैं। शहर घनी आबादी वाले आधुनिक किस्म के महानगर भी हो सकते हैं, जहाँ से एक पूरे क्षेत्र के राजनीतिक व आर्थिक कामों को देखा जाता है और जिनकी आबादी बहत बडी होती है।
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});