DElEd Semester 1 Social Studies Samajik Adhyan Short Question Answers in Hindi
प्रश्न 40. जिला प्रशासन का वर्णन कीजिए।
उत्तर– जिला प्रशासन–जिला देश में प्रशासनिक संगठन की अत्यधिक महत्वपूर्ण | कड़ी है। देशभर में 500 से अधिक जिले हैं जिनका निर्माण भौगोलिक नि:न्तरता एवं प्रशासन में सुविधा हेतु किया गया है। वे गाँवों, शहरों और नगरों व राज्यों को राजधानी में । | जोड़ते हैं। एक प्रशासनिक इकाई के रूप में इसमें राज्य के समस्त सरकारी विभागों के अधिकारी उपस्थित होते हैं, जैसे कि जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, कार्यकारी अभियन्ता इत्यादि ।
जिलों को आगे तहसील अथवा सब-डिवीजन और गाँवों में विभक्त किया गया है। राज्य में प्रशासन संचालन, विकास कार्यों और योजनाओं को पूरा करने के कार्य जिला स्तर पर किये जाते हैं। स्थानीय स्वायत्त सरकारी हेतु त्रिस्तरीय ढाँचे का प्रावधान किया गया है जिसके शीर्ष पर जिले हैं।
जिले का प्रशासनिक नियन्त्रण जिला अधिकारी के प्रशासन में होता है जिसे भिन्न-भि राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है; जैसे—जिलाधिकारी, डिप्टी कमिश्नर कलक्टर आदि। ये अधिकारी या तो आई.ए.एस. होते हैं या राज्य लोक सेवा आयोग से सम्बद्ध होते हैं। उसका कार्य जिला के प्रशासन की देखभाल करना है।
वह कानूनों को लाग करता है तथा कानून व्यवस्था को बनाये रखता है। उसे जनता की शिकायतों को मौके पर ही दूर करने का अधिकार है। वह स्वास्थ्य विभाग पुलिस, शिक्षा, सिंचाई आदि विभागों से तथा । सामंजस्य रखता है। लोक निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे विभागों के अधिकारी जिलाधीश की। देख-रेख में ही कार्य करते हैं।
प्रश्न 41. रेल यातायात से आप क्या समझते हैं ? इसका वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर- भारत के परिवहन साधनों में रेलों का विशेष महत्व माना जाता है। देश के दूरस्थ क्षेत्रों में बसे नागरिकों को एक-दूसरे के निकट लाने, व्यापार, देशाटन, तीर्थयात्रा | धार्मिक स्थलों की यात्रा तथा शिक्षा-दीक्षा के अवसर प्रदान करने एवं यात्री परिहन में रेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भारतीय रेल व्यवस्था एशिया में प्रथम एवं विश्व में चतुर्थ | स्थान रखती है। भारतीय रेल विभाग में लगभग 16 लाख व्यक्ति कार्यरत हैं तथा इसके पास |
मानव = लगभग 36,000 करोड़ रुपये की परिसम्पत्तियाँ हैं। भारत में रेलों की कुल लम्बाई 62,906 | विज्ञान किमी है। इस समय भारत में तेज गति से चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस 100 किमी प्रति । पुस्तक घण्टा की तथा राजधानी एक्सप्रेस 120 तथा गतिमान 120 कमी प्रति घण्टा से भी अधिक चाल से चलती है।
रेल यातायात का वर्गीकरण
- बड़ी लाइन-इस रेलमार्ग की चौड़ाई 1,676 मीटर होती है। तेज रफ्तार तेज रफ्तार वाली गड़ियों हेतु यह वलाइन बनाई गी है। वर्तमान में इस रेलमार्ग की लम्बाई लगभग 44,380 किमी है
- मीटर लाइन—इस रेलगाड़ी की पटरियों की परस्पर दुरी 1 मीटर होती है। वह में भारत में मीटर लाइन 15,013 किमी लम्बी है। ।
- छोटी लाइन-इस रेलमार्ग में पटरियों के मध्य की दरी 0-762 मीटर है। भारत में 3,363 किमी लम्बी छोटी लाइन है। यह रेल लाइन प्रमुखतया पहाड़ी भाग सीमित है।
प्रश्न 42. भारत के प्रमुख रेलमार्गों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- भारतीय रेल एक समद्ध एवं व्यापक स्तर का राष्ट्रीय प्रतिष्ठान है जिसका रता एवं संचालन केन्द्रीय सरकार के हाथ में है। प्रबन्ध एवं सुधार की दष्टि से सरकार 1966 ई.।रेलमार्गों को 9 मण्डलों में 9 मण्डलो में विभाजित किया था। वर्तमान में इनकी संख्या 16 हो गई है।
- उत्तरी रेलवे – नीचे की स्थापना 14 अप्रैल, 1952 में की गई थी। यह । * स्वास्थ्य भारत का सबसे महत्वपर्ण रेल मार्ग है जिसकी लम्बाई 10.977 रूट किमी है जिसमें से 884 * तहसील रूट किमी विद्युतीकते है। इसका कायालय नई दिल्ली में है। यह रेलमार्ग पश्चिम में । |न, विकास राजस्थान से लेकर पूर्व में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय जंक्शन तक गया है और उत्तर में जन्म व स्वायत्त से लेकर दक्षिण में तुगलकाबाद दिल्ली तक विस्तृत है।
- उत्तर-पूर्वी – रेग्नवे यह रेलमार्ग असम, उत्तरी बिहार, उत्तर पश्चिमी बंगाल तथा भिन्न-भिन्न पूर्वी उत्तर प्रदेश के उत्तरी भागों में अपना विस्तार रखता है। इसकी लम्बाई 5,163 रूट किमी कमिश्नर है। इसका प्रधान कार्यालय गोरखपर में है। इस रेलमार्ग द्वारा कृषि उपजे एवं खनिज पदार्थ आयोग से अधिक ढोये जाते हैं। भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल काशी, प्रयाग, मथुरा इसी मार्ग पर स्थित नों को लागू हैं। मौके पर ही के पर ही
- उत्तर-पूर्वी सीमान्त रेलवे — यह रेलमार्ग बिहार के कुछ क्षेत्रों, पश्चिमी बंगाल तथा असम राज्यों से होकर जाता है। यद्यपि यह उत्तरी रेलमार्ग का ही एक अंग है। परन्तु जतावास की सरक्षा एवं प्रशासन की दृष्टि से इसे अलग कर दिया गया है। इसकी लम्बाई 3,763 रूट किमी है। इसका प्रधान कार्यालय मालीगाँव (गोहाटी) में है।
प्रश्न 43. अर्थशास्त्र की परिभाषा अर्थशास्त्रियों के दृष्टिकोण से दीजिए। सा है। देश के
उत्तर –
- कल्याण सम्बन्धी परिभाषाएँ (Welfare Definitions)
अर्थशास्त्रियों ने परिभाषाओं की दिशा को धन से मानव की ओर बदल दिया है। उन्होंने या इसके पास मानव कल्याण को साध्य माना और धन को एक साधन माना है। रोरी के शब्दों में हमारे विज्ञान का प्रारम्भिक बिन्दु और लक्षण मनुष्य है।” इस विचारधारा को प्रो. मार्शल ने अपनी पुस्तक ‘Principles of Economics’ में प्रतिपादित किया।
प्रो. पीगू – अर्थशास्त्र आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन है। आर्थिक कल्याण से हमारा अभिप्राय सामाजिक कल्याण के इस भाग से है जिसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धन के मापदण्ड से सम्बन्धित किया जा सकता है।
- दुर्लभता या सीमित साधन सम्बन्धी परिभाषाएँ (Scarcity Definitions)
वुटिन का कथन है, ‘अर्थशास्त्रियों के लिए यह बहुत ही कठिन है कि वे अपने। विवेचन में अर्थशास्त्र के आदर्श का पूर्ण अपहरण करें।
प्रो. फ्रेजर का मत है कि ” अर्थशास्त्र मूल्य-सिद्धान्त या साम्य विश्लेषण से कहीं। अधिक है।
प्रो. पीगू का कथन है कि “जब हम मनुष्यों के उद्देश्यों की देखभाल करते हैं तो वे । भागों तक है। कभी-कभी नीच और निराशाजनक प्रवत्ति के प्रतीत होते हैं उस समय हमारी मानसिक दशा एक दार्शनिक की सी होनी हम ज्ञान का अध्ययन केवल ज्ञान के लिए नहीं करते, बरन् हमारी प्रवृति एक शरीर विज्ञानशास्त्री करी सी होनी चाहिए जिसका ज्ञान पीड़ाओं को दूर करने में सहायता दे।
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