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Ist Samester DEIEd Hindi Bhasha Practice Set Paper 2015

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Ist Samester DEIEd Hindi Bhasha Practice Set Paper 2015
Ist Samester DEIEd Hindi Bhasha Practice Set Paper 2015

परीक्षा प्रश्न-पत्र (हल सहित)

प्रथम सेमेस्टर-2015

षष्ट्म प्रश्न-पत्र

(हिन्दी)

समय :1,000 घण्टा ]                                                                  [पूर्णांक : 25

निर्देश :

1, सभी प्रश्न अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न के निर्धारित अंक प्रश्न के सम्मुख दिये गये हैं।

2. इस प्रश्न पत्र में तीन प्रकार के प्रश्न हैं। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के सही विकल्प अँटकर

उत्तर पुस्तिका में लिखें। अति लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग तीस

(30) शब्दों में, लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग पचास

(50) शब्दों में लिखिए।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1, ह्रस्व स्वर कौन नहीं हैं|

(1) अ (2) इ (3) उ (4) आ

2. य, र, ल, व व्यंजन कहलाते हैं

(1) ऊष्म (2) अन्तः स्थ (3) संयुक्त (4) द्विगुण

3, ‘द्विज’ शब्द का अर्थ है

  • ब्राह्मण (2) दाँत (3) पक्षी | (4) इनमें से सभी

4, लिपि विकास का प्रथम सोपान है

(1) चित्र लिपि (2) वर्ण लिपि (3) अक्षर लिपि (4) इनमें से कोई नहीं

5. जंगम का विलोम शब्द है

(1) पुष्ट (2) स्थावर (3) स्थिर | (4) पूर्ण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

6. अक्षर समूह का दूसरा नाम बताइए। |

7, श, ष, स, ह किस प्रकार के व्यंजन हैं? |

8, सस्वर वाचन के दो गुण लिखिए।

9. भाषा शिक्षण के चार प्रमुख कौशल कौन-कौन से हैं ?

10. श्रुतलेख का क्या उद्देश्य है ?

11. ‘अनभिज्ञ’ और ‘मुक्त’ का क्रमशः विलोम शब्द लिखिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

12. वाचन की प्रकृति स्पष्ट कीजिए।

13. विराम चिन्हों का क्या अभिप्राय है?

14. लेखन कला को कुशल बनाने में ‘सुलेख’ के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।

15. आक्षरिक लिपि से आप क्या समझते हैं? |

16. पूर्ण विराम एवं अल्प विरम में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

18. अशुद्ध उच्चारण के किन्हीं पाँच कारणों का उल्लेख कीजिए। 18. अनुनासिक स्वर क्या हैं?

उत्तर-पुस्तिका (व्याख्या सहित)

1. (4) आ

जिन स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता है, ह्रस्व स्वर होते हैं।

2. (2) अन्तः स्थ

इन चारों व्यंजनों में मुख से निकलने वाली वायु की रूकावट अन्य व्यंजन की तुलना

में कम होती है।

3. (4) इनमें से सभी ।

‘द्विज’ का अर्थ है ‘दो वार जन्म होना’ क्योंकि इन सभी की उत्पत्ति दो वार होती है।

4. (2) वर्ण लिपि

वर्गों के लिखने के ढंग को लिपि कहते हैं।

5. (2) स्थावर ।

स्थावर का अर्थ है जो न चल सके

जंगम का अर्थ है चलने फिरने वाला।

6. अक्षर समूह का दूसरा नाम है ‘वर्णमाला’।

7. श, ष, स, ह ऊष्म व्यंजन है। क्योंकि इन वर्षों के उच्चारण करते समय वायु मुख से रगड़

खाकर बाहर आती है।

8. सस्वर वाचन के दो गुण

(a) शब्दों की ध्वनियों का ज्ञान

(b) उच्चारण का शुद्ध अभ्यास होना चाहिए।

9. भाषा शिक्षण के 4 प्रमुख कौशल इस प्रकार हैं

(a) श्रवण कौशल

(b) मौखिक बोलने का कौशल

(c) वाचन शिक्षण कौशल

(d) मौखिक बोलने का कौशल

10. श्रतलेख का प्रमुख उद्देश्य छात्रों की श्रवणेन्द्रिय को प्रशिक्षित करता है ताकि वह भाषा के शुद्ध रूप को सावधानी से सुन सकें।

11. विलोम शब्द

अनभिज्ञ

सुविज्ञ

बन्धन

मुक्त ।

12. भाषा के दो रूप हैं: एक मौखिक एवं दूसरा लिखित । मौखिक भाषा को बोला जाता है। किन्तु लिखित भाषा का तो वाचन (पढ़ना) ही होता है। लिखित भाषा को देखकर बोलना

ही ‘वाचन’ कहलाता है। वाचन के पर्याय पठन और बाँचना भी है।

13. विराम चिन्ह का अर्थ है ‘रुकना’। जब हम अपने भावों को भाषा के द्वारा व्यक्त करते हैं तब एक भाव की अभिव्यक्ति के बाद कुछ देर रुकते हैं। यह रुकना ही विराम चिन्ह कहलाता है।

14. लिखना सिखाने का अर्थ केवल उतना ही नहीं है कि बच्चे अक्षरों शब्दो अथवा वाकयों को

लिखने लगे। अपितु यह भी आवश्यक होता है कि वे सुन्दर और सुडाल अक्षरा का रचना

करें और उचित गति से लिखें।

15. इसमें सकेतों को अक्षर के माध्यम से व्यक्त किया जाता था, वर्गों के माध्यम से नहीं। इसमें व्यंजनों के लिए दो ध्वनियाँ प्रयुक्त होती थीं। जैसे-क में क + अ दो ध्वनियाँ हैं। इस लिपि की वैज्ञानिकता में यह एक दोष कहा जा सकता है। |

16. (1) पूर्ण विराम का अर्थ है ‘पूरी तरह रुकना’ जबकि अल्पविरम का अर्थ है ‘थोड़ा

ठहरना’।।

(2) जब कोई कथन अर्थ की दृष्टि से पूर्ण हो जाता है तब वहाँ पूर्ण विराम का प्रयोग किया | जात है जबकि यदि किसी वाक्य में दो अधिक समान पद एक साथ होते हैं तो उसके बीच में अल्पविराम का प्रयोग करते हैं।

17. अशुद्ध उच्चारण के पाँच कारण

(a) क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग

(b) अशुद्ध उच्चारण करने वालों का अर्थ

(c) अक्षर व मात्राओं का अस्पष्ट का ज्ञान

(d) शारीरिक विकार

(e) मानसिक सन्तुलन ।

18. अनुनासिक स्वर-जिन स्वरों के उच्चारण के समय वायु विवर के साथ नाक से भी निकलती है तो वे स्वर अनुनासिक स्वर कहलाते हैं। इन स्वरों में चन्द्र बिन्दु का प्रयोग होता । है। जैसे-आँ = आँख।

परीक्षा प्रश्न-पत्र (हल सहित)

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