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UPTET Paper Level 1 Samanya Hindi Pratyay Question Answer Paper

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प्रत्यय (Pratyay)

हिन्दी प्रत्यय

सामान्य परिचय- किसी शब्द के अन्त में जोङे जाने वाले शब्द या शब्दांश को प्रत्यय (Suffix) कहते हैं.

प्रत्यय के भेद-संस्कृत में प्रत्यय  दो प्रकार के माने गए हैं-(I) कृत प्रत्यय,(II)तद्धित प्रत्यय.

कृत प्रत्यय- जो प्रत्यय धातु में जुङकर संज्ञा अथवा विशेषण शब्दों की रचना करते हैं , उन्हें  कृत प्रत्यय कहा जाता है.कृत प्रत्यय से बने शब्द कृदंत कहलाते हैं.यथा-

धातु         प्रत्यय        निर्मित शब्द

पठ          आई =       पढाई

चल         अक =       चालक

तद्धित प्रत्यय- धातु को छोङकर अन्य शब्दों (संज्ञा, विशेषण) आदि में जो प्रत्यय जोङे जाते हैं उन्हें तद्धित प्रत्यय जोङे जाते हैं. इनसे बने शब्द तद्धितांत कहलाते हैं.

शब्द              प्रत्यय              तद्धितांत शब्द

लोहा              हार    =           लोहार

कृपा               आलू   =           कृपालु

सुख               इया   =           सुखिया

मशाल             ची    =           मशालची

हिन्दी में प्रयुक्त प्रत्ययों को स्थूल रूप से निम्नलिखित चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-

  • तत्सम प्रत्यय
  • तदभव प्रत्यय
  • देशज प्रत्यय, तथा
  • विदेशी प्रत्यय
  • तत्सम प्रत्यय-इन प्रत्ययों का प्रयोग अधिकांश उन्हीं शब्दों में होता है, जो संस्कृत से सीधे हिन्दी में आए हैं अथवा जो संस्कृत की तरह ही हिन्दी में प्रयुक्त होने के कारण तत्सम कहलातें हैं. हिन्दी में प्रयुक्त तत्सम ये हैं-
  1. -कौशल (कुशल), पौरुष (पुरुष), मौन (मुनि), गौरव (गुरु).
  2. – प्रत्यय आकारान्त धातुओं में जोङा जाता है और इसके प्रयोग से संज्ञाएँ बनती हैं. जैसै-

पूजा(पूज्),कथा(कथ्)

इच्छा (इच्छ्), शिक्षा (शिक्ष्)

यहाँ कोष्ठक में मूल धातु दी गई है जिसमें आ प्रत्यय जोङकर संज्ञाएं निर्मित की गई हैं.

  1. लु- यह प्रत्यय संज्ञा से विशेषण बनाने के काम आता है. जैसे-दयालु, कृपालु, निद्रालु, लज्जालु आदि.
  2. जीवी-इस प्रत्यय का प्रयोग जीने वाले के अर्थ में होता है. जैसे-अल्पजीवी, दीर्घजीवी, परजीवी, श्रमजीवी, बुद्धिजीवी आदि.
  3. तया– यह प्रत्यय हिन्दी में ‘रूप से’ के अर्थ में प्रयुक्त होता है. वस्तुतः इस प्रत्यय का विकास संस्कृत के आकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के तृतीया एकवचन के अन्तिम भाग से हुआ है, जैसे- साधारणतया, मुख्यतया, विशेषतया, सामान्यतया आदि.
  4. ता-इस प्रत्यय का प्रयोग संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और सर्वनाम शब्दों से संज्ञा बनाने के लिए होता है, जैसे- (संज्ञा से ) कविता, जनता,सहायता, शिशुता, आदि,(विशेषण से ) कुरूपता, कोमलता, नवीनता, समता, स्वतन्त्रता, आदि( सर्वनाम से) ममता, अहंता,निजता आदि. भाववावचक संज्ञाएं भी इससे बनती हैं.

त्व- इस प्रत्यय का प्रयोग मुख्यतता भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए ही होता है, जैसे-कवित्व, लघुत्व, महत्व, गुरुत्व, अमरत्व, सतीत्व आदि.

  1. वान्- यह प्रत्यय भी वाला के अर्थ में अपनाया जाता है, जैसे-गुणवान्, रूपवान्, धनवान्, बलवान् आदि.
  2. शाली- इस प्रत्यय का प्रयोग भी वाला के अर्थ में होता है, जैसे-भाग्यशाली, बलशाली, शक्तिशाली,सौभाग्यशाली आदि.
  3. इत-फलित(फल),हर्षित(हर्ष), पल्लवित(पल्लव) मुकुलित(मुकुल).
  4. ईन-कुलीन(कुल),युगीन(युग), ग्रामीण(ग्राम).
  5. ईय– भारतीय(भारत), भवदीय(भवत्), नारकीय(नरक), स्वकीय(स्व)
  6. इल- पंकिल(पंक), फेनिल(फेन), धूपिल(धूप).
  7. इम-अग्रिम(अग्र), अंतिम(अंत), पश्चिम(पश्च).
  8. इमा-मधुरिमा(मधुर), गरिमा(गुरु), महिमा(महत्).
  9. एय- कौन्तेय(कुन्ती), राधेय(राधा), गांगेय(गंगा).
  10. कार-साहित्यकार(साहित्य), स्वर्णकार(स्वर्ण), पत्रकार(पत्र).
  11. वती-भाग्यवती(भाग्य), रूपवती(रूप), प्रभावती(प्रभा).
  12. द- जलद(जल), नीरद(नीर), दुःखद(दुःख).
  13. जा– अर्कजा(अर्क), रविजा(रवि), तनुजा(तनु).
  14. स्थ- कंठस्थ(कंठ), तटस्थ(तट), दूरस्थ(दूर).
  15. ज्ञ-मनोज्ञ(मनः),सर्वज्ञ(सर्व), अल्पज्ञ(अल्प).
  16. धर- विधाधर(विधा), चक्रधर(चक्र), मुरलीधर(मुरली).
  • तदभव प्रत्यय-तदभव प्रत्यय संस्कृत से विकसित हुए है और डॉं भोलानाथ तिवारी इन्हें हिन्दी का अपना प्रत्यय बताते हैं. इन प्रत्ययों को तदभव शब्दों के साथ जोङा जाता है. यथा-
  1. अक- भनक, ठनक, तङक, भङक, खनक.
  2. अन– मिलन, घुटन, चलन, कहन, सहन.
  3. आई- पढाई, सिलाई, मिठाई, बुराई, लङाई.
  4. आका-धमाका,सनाका, पटाका, लङाका.
  5. आस-मिठास, खटास, प्यास, निदांस.
  6. अल-मांसल, शीतल, घायल, श्यामल.
  7. आंध- सडाँध, चिराँध.
  8. आर-सुनार, लुहार, गंवार.
  9. आल-ससुराल, ननिहाल, ददिआल, घङियाल.
  10. आना-राजपूताना, घराना, तेलंगाना, पैताना.
  11. आवट– मिलावट, लिखावट, तरावट, बनावट, रूकावट.
  12. आहट-घबराहट, चिकनाहट, बुलाहट, कङवाहट.
  13. इन-लुहारिन, कहारिन, पुजारिन, तेलिन.
  14. इयल-मरियल, सङियल, अङियल.
  15. इया-लुटिया, डिबिया, चकिया, मुखिया, रसिया, मुम्बइया.
  16. -टोकरी, चीनी, जापानी, पहाङी, गढवाली, हथौङी.
  17. ईला-पथरीला, चमकीला, रेतीला,रौबीला.
  18. उआ-गेरुआ, बबुआ, फगुआ.
  19. -पेटू, चालू, ढालू, नक्कू, दब्बू.
  20. एरा- ममेरा, चचेरा, फुफेरा, सपेरा, बहुतेरा.
  21. ऐत– डकैत, लठैत, अल्हैत.
  22. ऐला- विषैला, कसैला, मटैला, बनैला.
  23. ओला-मझोला, संपोला, खटोला.
  24. औना– बिछौना, खिलौना.
  25. टा-कलूटा, चोट्टा, रोंगटा.
  26. ता-जागता, सोता, खाता, पीता.
  27. ती-गिनती, जागती, सोती, चढती, चलती.
  28. त- बचत, खपत, रंगत, चाहत.
  29. नी-ओढनी, चटनी, मिलनी, करनी.
  30. ङा-बछङा, मुखङा, दुखङा, चपङा.
  31. पा-बुढापा, मोटापा, रंङापा.
  32. पन-बचपन, लङकपन, बालपन, पागलपन.
  33. ल,ला-मंजुल, घुंघला, मंजुला, निचला.
  34. वान-गाङीवान, कोचवान.
  35. वां-छठवाँ, सातवाँ, आठवाँ, पांचवाँ.
  36. वाल-कोतवाल.
  37. वाला-रखवाला, घरवाला, ताँगेवाला.
  38. सरा-दूसरा, तीसरा.
  39. हरा-दुहरा, तिहरा, चौहरा, सुनहरा.
  40. हार- खेवनहार, पालनहार, भूमिहार, होनहार,
  • देशज प्रत्यय– वे प्रत्यय जिनकी व्युत्पत्ति का पता नहीं इस वर्ग में आते हैं. यथा-
  1. अक्कङ-भुलक्कङ, पियक्कङ, सुवक्कङ, घुमक्कङ.
  2. अङ- अन्धङ, भुक्खङ.
  3. आक-तैराक , खटाक, तङाक.
  4. आटा-सन्नाटा, खर्राटा, फर्राटा.
  • विदेशी प्रत्यय-हिन्दी में विदेशी प्रत्यय तीनों स्त्रोतों से आए हैं-अरबी, फारसी, और अंग्रेजी.

प्रत्येक के प्रत्यय एवं उनसे बने कतिपय शब्दों के उदाहरण यहाँ दिए जा रहे हैं-

अरबी के प्रत्यय और उनसे निर्मित हिन्दी में प्रयुक्त शब्द

अन्-मसलन, जबरन

आनी-रुहानी, बर्फानी

इयत्-आदमियत्, इन्सानियत

-नादानी, नाराजी,खूबसूरती, पहलवानी.

फारसी के प्रत्यय और उनसे निर्मित हिन्दी में प्रयुक्त शब्द

  • खरीदा, पहुँचा
  • जानना, छूटना

आना-रोजाना, सालाना

इश-कोशिश, मालिश, फरमाइश

-आमदनी, खुशी, बंदी, सिपाही

कार-काश्तकार, सलाहकार

गर-सौदागर, कारीगर

गार-मददगार, यादगार

चा-चमचा, गलीचा, बगीचा

दान-खानदान, इत्रदान, पीकदान

बान-मिहरबान

नामा-सरनामा,मुख्तारनामा, इकरारनामा

आब-गुलाब, शराब

नाक-खौफनाक

ई-देहाती,खाकी

ईन-शौकीन, नमकीन

मंद-दौलतमंद, अक्लमंद

वर-जानवर, ताकतवर, हिम्मतचवर

ईना-कमीना, महीना, पश्मीना

अंदाज-तीरंदाज

खोर-हरामखोर, सूदखोर

गीर-राहगीर, जहाँगीर

दान-कदरदान

दार-मालदार, दूकानदार, जमींदार, फौजदार, चोबदार

नुमा-कुतुबनुमा

नशीन-परदानशीन

बंद-बिस्तरबंद, कमरबंद, गलाबंद, हथियारबंद.

पोश-पापोश, सफेदपोश

साज-जालसाज, घङीसाजब

बाज-दगाबाज, नशेबाज, कबूतरबाज, चालबाज, ठट्टेबाज

आबाद-इलाहाबाद, फिरोजाबाद,अहमदाबाद.

खाना-कारखाना, दवाखाना,  दौलतखाना

गाह-चरागाह, बन्दरगाह, दरगाह, ईदगाह

इस्तान-हिन्दुस्तान, कब्रिस्तान, अफगानिस्तान, राजस्थान

शन-गुलशन

सार-खाकसार

अंग्रेजी के प्रत्यय जिनसे निर्मित शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं.

इज्म-गांधीइज्म, जैनिज्म, रोमाण्टिसिंज्म, मार्क्सिज्म,

इस्ट-सोशलिष्ट, बुद्धिस्ट, मार्किस्ट.

डम-गुरुडम, पंडितडम, स्टारडम

प्रत्ययों का महत्व

  1. हिन्दी में शब्द (रचना) के लिए प्रत्ययों का प्रचुरता के उपयोग किया जाता है.
  2. धातु में प्रत्यय जोङकर भाववाचक संज्ञा (कृदंत) शब्द निर्मित होते हैं यथा-

लङ+आई=लङाई, भिङ+अन्त+भिङन्त, सज+आवट=सजावट, चाट+नी=चाटनी

  1. धातु में प्रत्यय जोङकर करण वाचक संज्ञाएं भी बनाई जाती हैं-मथ+आनी= मथानी, बेल+अन=बेलन, झाङ+ऊ= झाङू, रेत+ई=रेती
  2. धातु में प्रत्यय जोङकर विशेषण शब्द निर्मित होते हैं-

तैर+आक=तैराक, झगङ+आलू=झगङालू, मर+इयल=मरियल, रख+वाला=रखवाला

  1. जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए प्रत्ययों का प्रयोग होता है. जैसै-वीर+ता=वीरता, मनुष्य+त्व=मनुष्यत्व, लङका+पन=लङकपन, शूर+ता=शूरता
  2. व्यक्तिवाचक संज्ञा से संतानवाचक संज्ञा शब्द भी प्रत्ययों के योग से निर्मित होते हैं. जैसे-कुन्ती+एय=कौन्तेय, दिति+य=दैत्य, मनु+अ=मानव
  3. विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाने में भी प्रत्यय प्रयुक्त होते हैं.य़था-वीर+ता=वीरता, लघु+त्व=लघुत्व.
  4. संज्ञा से विशेषण बनाने में भी प्रत्यय प्रयुक्त होते हैं-मुख+इक=मौखिक, निशा+अ=नैश, अर्थ+इक=आर्थिक, कृपा+लु=कृपालु
  5. क्रिया से विशेषण बनाने में भी इसका प्रयोग होता है.सोना+अक्कङ=सुवक्कङ,हँसना+ओङ=हँसोङ
  6. क्रिया से संज्ञा भी प्रत्ययों के योग से बनाई जाती है.

चराना-चराई, गाना-गान, छींकना-छींक.

प्रश्नोत्तर

प्रश्न –निम्नलिखित शब्दों में कौनसा प्रत्यय प्रयुक्त है?

(1)मूलतः, (2) सामान्यतया, (3) एकदा, (4) सर्वबहुधा, (5)बलवान्, (6)शक्तिशाली, (7)नंगधङंग, (8) रटंत, (10)बैठक, (11)लपट, (12)जहाँ, (13)दिखाई, (14)जुआङी,

(15)दिवाली, (16)मेरी, (17)रसिया, (18)चौला, (19)लेन-देन, (20)मटियल, (21)मूर्खानंद, (22)धमाका, (23)घुमक्कङ.

उत्तरमाला

1.  तः,       2. तथा,    3. दा,     4. धा,     5. वान्,    6. शाली,    7. अंग,     8. अंत,     9. अक,    10. (A)    11. आ,     12. आइ,     13. आङी,     14. आरी,    15. आली,    16. ई,     17. इया,     18. था,     19. न,     20. इयल,    21. आनंद,     22. आका,     23. अक्कङ.

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

  1. शब्द के अन्त में जुङने वाले शब्दांश कहलाते हैं-
  • उपसर्ग
  • प्रत्यय
  • समास
  • संधि
  1. प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं?
  • तीन
  • चार
  • पाँच
  • छह
  1. कमरबंद में कौनसा प्रत्यय है?
  • मंद
  • बंद
  • कमर
  • इनमें से कोई नहीं
  1. लुटिया में प्रत्यय है-
  • लु
  • टिया
  • इया
  • या
  1. ममेरा शब्द में कौनसा प्रत्यय है?
  • मेरा
  • रा
  • एरा
  1. धातु में प्रत्यय जोङने से बने शब्द कहे जाते हैं-
  • विशेषण
  • संज्ञा
  • तद्धितान्त
  • कृदंत
  1. संज्ञा में प्रत्यय जोङने से बने शब्द कहे जाते हैं-
  • कृदंत
  • तद्धितांत
  • (A) और (B)
  • इनमें से कोई नहीं
  1. पढाई में कौनसा प्रत्यय है?
  • आई
  • पढ
  • इनमें से कोई नहीं
  1. पथरीला शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय है-
  • ईला
  • रीला
  • ला
  • पत्थर
  1. घबराहट में कौनसा प्रत्यय है?
  • आहट
  • हट
  • घबराना
  1. कमीना शब्द में किस वर्ग का प्रत्यय है?
  • तत्सम
  • तदभव
  • देशज
  • विदेशी
  1. लिखावट में प्रत्यय बताइए-
  • वट
  • आवट
  • लिख
  • इनमें से कोई नहीं
  1. ‘ऊ’ प्रत्यय किसमें प्रयुक्त है?
  • पेटू
  • चालू
  • नक्कू
  • इन सभी में
  1. गरिष्ठ में कौनसा प्रत्यय है?
  • ष्ठ
  • इष्ट
  • इष्ठ
  • इनमें से कोई नहीं
  1. वत् प्रत्यय से युक्त शब्द कौनसा है?
  • मातृवत्
  • पितृवत्
  • यावत्
  • ये सभी
  1. निम्नलिखित में से किस शब्द में प्रत्यय का प्रयोग हुआ है?
  • विकल
  • अलक
  • पुलक
  • धनिक
  1. लेखक शब्द में कौनसा प्रत्यय है?
  • इक
  • अक
  • आक
  1. ‘सुत‘ शब्द को स्त्रीवाचक बनाने के लिए कौनसा प्रत्यय जुङेगा?
  • इक
  • ईय
  1. निर्वासित शब्द में कौनसा प्रत्यय है?
  • सित
  • इत
  • नि
  1. कौनसा शब्द ‘कृत’ प्रत्यय से बना है?
  • रंगीला
  • दुधारू
  • बिकाऊ
  • कृपालु
  1. व्यवस्था शब्द का निर्माण किससे हुआ है?
  • उपसर्ग से
  • प्रत्यय से
  • धातु से
  • समास से
  1. बहाव शब्द में कौनसा प्रत्यय है?
  • बह
  • आव
  • हाव
  • आवा
  1. छपास में कौनसा प्रत्यय प्रयुक्त है?
  • आस
  • पास
  • इनमें से कोई नहीं
  1. ‘तर’ प्रत्यय से युक्त शब्द कौनसा नहीं है?
  • उच्चतर
  • लघुत्तर
  • निम्नतर
  • निम्नतम
  1. ‘अंग्रेजियत’ में कौनसा प्रत्यय लगा है ?
  • इयत
  • यत
  • इनमें से कोई नहीं
  1. ईमानदार में प्रत्यय बताइए-
  • दार
  • ईमान
  1. लघुत्व में प्रयुक्त प्रत्यय है?
  • ता
  • त्व
  • उत्व
  1. बिढापा शब्द में प्रकृति और प्रत्यय अलग-अलग कीजिए-
  • बुढ+आपा
  • बूढा+पा
  • बूढ+आपा
  • इनमें से कोई नहीं
  1. बतंगङ में प्रयुक्त प्रत्यय किस वर्ग का है?
  • तत्सम
  • तदभव
  • देशज
  • विदेशी
  1. दगाबाज में प्रयुक्त प्रत्यय किस वर्ग का है?
  • तत्सम
  • तदभव
  • देशज
  • विदेशी

उत्तरमाला

1. (B)     2. (B)    3. (B)    4. (C)   5. (D)   6. (D)   7. (B)   8. (B)    9. (A)    10. (A)    11. (D)   12. (B)    13. (D)   14. (C)   15. (D)   16. (D)   17. (C)   18. (A)    19. (B)    20. (C)   21. (A)    22. (B)    23. (A)    24. (D)   25. (B)    26. (B)    27. (B)    28. (B)    29. (C)   30. (D)

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