अदितिय | अदितिय |
दिवाली | दीवाली |
निरोग | नीरोग |
महिना | महीना |
निरिक्षण | निरीक्षण |
निरसता | नीरसता |
शताब्दि | शताब्दी |
बिमारी | बीमारी |
उ, ऊ सम्बन्धी भूलें-
अशुद्ध रूप | शुद्ध रूप |
अनुदित | अनूदित |
तुफान | तूफान |
धूआँ | धुआँ |
वधु | वधू |
जरुरत | जरूरत |
कूआ | कुआँ |
दुसरा | दूसरा |
सूई | सुई |
रुई | रूई |
गुरू | गुरु |
द्रष्टव्य- हिन्दी में तदभव और विदेशी शब्दों के अन्त में ऊ की मात्रा लगती है, यथा-आसूँ , आडू, चालू, तम्बाकू, बदबू, बहू, लहू, शुरू, हिन्दू, डाकू इत्यादि.
ऋ सम्बन्धी भूलें-
अशुद्ध रूप | शुद्ध रूप |
अनुग्रहीत | अनुगृहीत |
उरिण | उऋण |
द्रष्य | दृश्य |
बृज | ब्रज |
संग्रहीत | संगृहीत |
बृटिश | ब्रिटिश |
आदरित | आदृत |
दृष्टा | द्रष्टा |
पैत्रिक | पैतृक |
श्रंगार | श्रृंगार |
सृष्टा | स्रष्टा |
प्रथक | पृथक |
विशेष-ऋ का प्रयोग संस्कृत शब्दों में होता है, जैसे-ऋषि,कृति, कृतज्ञ, गृहस्थ, मृग, मातृभाषा, वृथा, हृष्टपुष्ट, वृद्धि, वृद्ध इत्यादि.
(ए,ऐ,अय) सम्बन्धी भूलें-