अशुद्ध रूप |
शुद्ध रूप |
नैन |
नयन |
चाहिये |
चाहिए |
दाइत्व |
दायित्व |
रचयता |
रचयिता |
नाइका |
नायिका |
सेनिक |
सैनिक |
भाषाऐं |
भाषाएँ |
अयसा |
ऐसा |
जै हिन्द |
जय हिन्द |
परलै |
प्रलय |
कवियत्री |
कवयित्री |
सैना |
सेना |
वय्याकरण |
वैयाकरण |
वैश्या |
वेश्या |
ई और यी सम्बन्धी भूलें-
अशुद्ध रूप |
शुद्ध रूप |
उत्तरदाई |
उत्तरदायी |
स्थाई |
स्थायी |
धराशाई |
धराशायी |
लङायी |
लङाई |
नई |
नयी |
विजई |
विजयी |
ओ, और, अव, आव सम्बन्धी भूलें-
अशुद्ध रूप |
शुद्ध रूप |
अक्षोहिणी |
अक्षौहिणी |
चुनाउ |
चुनाव |
व्योहार |
व्यवहार |
होले |
हौले |
व्योपार |
व्यापार |
गोतम |
गौतम |
झुकाउ |
झुकाव |
ओधौगिक |
औधोगिक |
क्यूँ |
क्यों |
अनुस्वार और अनुनासिक सम्बन्धी भूलें-
अशुद्ध रूप |
शुद्ध रूप |
अंधेरा |
अँधेरा |
गंवार |
गँवार |
आँदोलन |
आंदोलन |
गाँधी |
गांधी |
सँस्कृत |
संस्कृत |
द्रष्टव्य-कभी-कभी ये चिन्ह् अकारण और व्यर्थ लगा दिए जाते हैं, जैसे-दुनियाँ, जाँति-पाँति, सोंचो ,पूँछकर, मामां आदि. इनके शुद्ध रूप हैं-दुनिया, जाति-पाँति, सोचो, पूछकर, मामा आदि.
पंचम वर्ण का प्रयोग-ङ्, ज्,ण्, न्, म् को पंचमाक्षर कहते हैं. ये अपने वर्ग के व्यंजन के साथ प्रयुक्त होते हैं, यथा-
अशुद्ध रूप |
शुद्ध रूप |
कन्घा |
कंघा |
झन्डा |
झंडा |
सन्मुख |
सम्मुख |
दन्ड |
दण्ड |
सम्वाद |
संवाद |
सन्सार |
संसार |
चन्चु |
चञ्चु |
सम्वत् |
संवत् |
सेन्टर |
सेंटर, सेण्टर |
कन्ठ |
कंठ, कण्ठ |
सन्शय |
संशय |
द्रष्टव्य- हम स्वयं देख सकते हैं पंचमाक्षर के स्थान पर न का प्रयोग अशुद्ध है. इसके स्थान पर अनुस्वार का प्रयोग शुद्ध है.
विसर्ग सम्बन्धी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध रूप |
शुद्ध रूप |
अंताकरण |
अंतःकरण |
दुख |
दुःख |
विशेषतयः |
विशेषतया, विशेषतः |
दुसह |
दुःसह |
सन्धि करने में भूलें स्वर सन्धि
अशुद्ध रूप |
शुद्ध रूप |
अत्याधिक |
अत्यधिक |
अनाधिकार |
अनधिकार |
जात्याभिमान |
जात्याभिमान |
देवुत्थान |
देवोत्थान |
बालुपदेश |
बालोपदेश |
सदोपदेश |
सदुपदेश |
अत्योक्ति |
अत्युकित |
उपरोक्त |
उपर्युक्त |
तदोपरान्त |
तदुपरान्त |
परयन्त |
पर्यन्त |
रीत्यानसार |
रीत्यनुसार |
व्यंजन सन्धि
अशुद्ध रूप |
शुद्ध रूप |
आछादन |
आच्छादन |
उत्पाति |
उत्पाद |
जगतगुरु |
जगद्गुरु |
जगननाथ |
जगन्नाथ |
महत्व |
महत्व |
शरत्यचन्द्र |
शरच्चन्द्र |
संसद् सदस्य |
संसत्सदस्य |
सत्गुण |
सद्गुण |
सन्मान |
सम्मान |
सम्हार |
संहार |
उछवास |
उच्छ्वास |
उज्वल |
उज्जवल |
जगतबंधु |
जगद्बंधु |
भगवतभक्ति |
भगवद् भक्ति |
यावतजीवन |
यावज्जीवन |
छत्रछाया |
छत्रच्छाया |
सतगुरु |
सद्गुरु |
सदोपदेश |
सदुपदेश |
सन्मुख |
सम्मुख |
विसर्ग सन्धि